
हरिद्वार | उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के बहादराबाद क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल ‘मां गंगा मैटरनिटी एंड आई केयर’ में डिलीवरी के दौरान दो प्रसूताओं की मौत से हड़कंप मच गया। इस दुखद घटना से परिजन आक्रोशित हो उठे और अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
रविवार देर रात यह घटना उस समय घटी जब दो अलग-अलग परिवारों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए बहादराबाद स्थित इस निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, डिलीवरी के दौरान दोनों ही महिलाओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई।
इस खबर के फैलते ही परिजनों में शोक के साथ गुस्सा फूट पड़ा। मृतक महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि डिलीवरी के समय वहां कोई विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं था। स्टाफ की अनदेखी और इलाज में देरी के कारण दो जानें चली गईं।
अस्पताल में हंगामा और घेराव
घटना के बाद मृत महिलाओं के परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। भीड़ ने अस्पताल प्रबंधन से जवाबदेही मांगी और आरोप लगाया कि यहां चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है। कई घंटे तक अस्पताल का घेराव किया गया और पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर बुलाना पड़ा।
परिजनों का आरोप
- विशेषज्ञ डॉक्टर की अनुपस्थिति: परिजनों का कहना है कि प्रसव के समय अस्पताल में कोई गायनिकोलॉजिस्ट या विशेषज्ञ मौजूद नहीं था।
- अनुभवी स्टाफ की कमी: उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ अनुभवहीन था और समय पर उचित इलाज नहीं कर सका।
- लापरवाही और इलाज में देरी: डिलीवरी के दौरान जब महिलाओं की तबीयत बिगड़ रही थी, तब भी कोई डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आया। समय पर कदम उठाए जाते तो दोनों की जान बच सकती थी।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया। परिजनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही अस्पताल की मान्यता और सुविधाओं की समीक्षा की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा और यदि लापरवाही पाई गई तो अस्पताल के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोनों मृत प्रसूताओं के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।