
उत्तर प्रदेश के अयोध्या से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की गरिमा और सामाजिक संवेदनाओं को गहरा आघात पहुंचाया है। 80 वर्षीय कैंसर पीड़ित वृद्धा भगवती देवी को उनकी बहू जया सिंह ने पड़ोसियों के साथ मिलकर रात के अंधेरे में सड़क किनारे छोड़ दिया। इलाज के अभाव में बेसहारा महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
❖ घटना कैसे घटी – सीसीटीवी में कैद हुई बेरहमी
23 जुलाई की रात करीब 11 बजे अयोध्या के दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज के पास एक ई-रिक्शा आकर रुकता है। उसमें से दो महिलाएं और एक युवक कैंसर से जूझ रही वृद्धा भगवती देवी को नीचे उतारते हैं। बहू जया उन्हें चादर ओढ़ाती है, पल भर को चेहरा देखती है, और फिर तीनों वहां से चले जाते हैं। यह पूरी घटना पास की दुकान के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सुबह जब दुकानदार ने दुकान खोली, तो महिला को तड़पती हालत में देखकर पुलिस को सूचना दी गई। महिला को दर्शन नगर अस्पताल ले जाया गया, जहां नौ घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई।
❖ तीनों आरोपी गिरफ्तार, बहू ने कबूला जुर्म
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और आस-पास के लोगों से पूछताछ के आधार पर तीनों आरोपियों — बहू जया सिंह, एक महिला और एक युवक — को गिरफ्तार किया। पूछताछ में जया ने स्वीकारा कि उसका पति राजू सिंह नशे का आदी है और घर में कोई आमदनी नहीं है। राजू को भगवती देवी और उनके पति बृजलाल ने गोद लिया था। जया ने बताया कि इलाज का खर्च उठाना उसके लिए असंभव हो गया था, इसलिए उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा। बहू ने पुलिस को बताया कि वह खुद मजदूरी करती थी और सास की बीमारी से मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुकी थी। उसका कहना था कि उसे उम्मीद थी कि कोई राहगीर या संस्था वृद्धा की मदद करेगी, इसलिए उसने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया।
❖ शव पर चोट के निशान, मौत के कारणों की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि वृद्धा के गले पर चोटों के निशान थे। प्रथम दृष्टया यह कैंसर का प्रभाव हो सकता है, लेकिन वास्तविक कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगा। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या जया ने यह कृत्य पूरी तरह अपनी मर्जी से किया या पड़ोसियों ने उकसाया? जिन दो अन्य लोगों ने मदद की, उनके इरादों और भूमिका की भी तहकीकात की जा रही है। यह घटना सिर्फ एक बुजुर्ग की हत्या नहीं, बल्कि उस सामाजिक ताने-बाने की दरकती तस्वीर है जिसमें जिम्मेदारी, सहानुभूति और कर्तव्य भाव गुम होता जा रहा है। सवाल यह भी है कि क्या हमारी सामाजिक व्यवस्था इतनी कमजोर हो चुकी है कि एक असहाय महिला को मरने के लिए सड़क पर छोड़ दिया जाए?
अब आगे क्या?
- पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- मृतका का पोस्टमार्टम जारी है, रिपोर्ट के आधार पर धाराएं तय होंगी।
- राजू सिंह (गोद लिया बेटा) की भूमिका की भी जांच की जा रही है।