
बिलासपुर/शिमला। बिलासपुर से शिमला जा रही एक निजी बस “गुड़िया बस” शुक्रवार सुबह भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई। बस अनियंत्रित होकर एक पहाड़ी मोड़ पर सड़क से फिसलकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में बस में सवार कुल 36 यात्रियों में से 32 घायल हो गए, जिनमें से 7 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पहाड़ी मोड़ पर हुआ हादसा, ब्रेक फेल या ओवरस्पीडिंग की आशंका
यह हादसा शिमला के समीप नम्होल के पास हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस तेज रफ्तार में थी और अचानक मोड़ पर ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होने या ओवरस्पीडिंग को संभावित कारण बताया गया है। प्रशासन ने दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं और परिवहन विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है।
बचाव कार्य में जुटे स्थानीय लोग और पुलिस
दुर्घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर घायलों को बस से बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एम्स बिलासपुर में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। बस चालक को मार्कंड के नागरिक अस्पताल में भर्ती किया गया है।
मुख्यमंत्री ने एम्स पहुंचकर घायलों से की मुलाकात
हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एम्स बिलासपुर पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने सभी यात्रियों को प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया और अस्पताल प्रशासन को बेहतरीन उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के साथ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, कांग्रेस नेता विवेक कुमार, पवन ठाकुर, संजीव गुलेरिया, गौरव शर्मा, उपायुक्त राहुल कुमार और पुलिस अधीक्षक संदीप धवल भी मौजूद थे।
तत्काल राहत और जांच के आदेश
ज़िला प्रशासन ने तेजी से कार्यवाही करते हुए सभी घायलों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की और पीड़ितों को फौरी राहत राशि भी दी गई है। अब तक 32 घायल यात्री एम्स में उपचाराधीन हैं और उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है। यह दुर्घटना एक बार फिर पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षित यात्रा की चुनौतियों और परिवहन सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करती है। प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता सराहनीय है, लेकिन इस हादसे से सीख लेते हुए भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर और अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।