
उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और हरिद्वार पुलिस की सतर्कता और मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप) के सहयोग से एक व्यक्ति को आत्महत्या करने से बचा लिया गया। यह घटना 19 जून की है, जब मेटा की ओर से अमेरिका से सीधे एक सूचना एसटीएफ को भेजी गई कि एक व्यक्ति ने आत्महत्या का संकेत इंस्टाग्राम पोस्ट में दिया है।
मामले की गंभीरता को समझते हुए देहरादून साइबर क्राइम यूनिट में तैनात अपर उपनिरीक्षक मुकेश चंद और आरक्षी नितिन रमोला ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हरिद्वार कंट्रोल रूम को सूचित किया। संबंधित व्यक्ति की समय पर पहचान कर उसे ढूंढा गया और आत्मघाती कदम उठाने से पहले ही उसे रोक लिया गया।
व्यक्ति ने बताया कि वह गंभीर पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहा था और मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाने की सोच रहा था। उसने इंस्टाग्राम पर अपनी स्थिति साझा की थी, जो मेटा की निगरानी प्रणाली में कैप्चर हो गई और तुरंत एसटीएफ को सूचित किया गया।
एसटीएफ ने व्यक्ति को मानसिक सहारा दिया, समझाया और भविष्य में ऐसा कदम न उठाने की सलाह दी। टीम ने इस अभियान में सहयोग के लिए मेटा का धन्यवाद किया और बताया कि यह अकेला मामला नहीं है — एसटीएफ पहले भी कई लोगों की जान समय पर बचा चुकी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसटीएफ राज्य में न केवल साइबर अपराध बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी नजर रख रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह के नेतृत्व में यह टीम संकट में फंसे लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है।
यह पहल उन तमाम लोगों के लिए एक संदेश है जो मानसिक तनाव या जीवन से निराश होकर आत्मघाती कदम उठाने की सोचते हैं — कि आप अकेले नहीं हैं, और आपकी जिंदगी की रक्षा के लिए एक मजबूत सिस्टम सक्रिय है।