
देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विवाह पर्यटन के लिए प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए “वेड इन उत्तराखंड” फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। इस योजना के तहत अब राज्य में साहसिक, आध्यात्मिक, पर्यावरण अनुकूल और पारंपरिक गढ़वाली-कुमाऊंनी शादियों के थीम पर आधारित विवाह समारोह आयोजित किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने इस फ्रेमवर्क को जारी किया है। इसके तहत एक राज्य स्तरीय विवाह पर्यटन विकास समिति का गठन किया जाएगा, जो इस परियोजना की निगरानी, मूल्यांकन और कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों के समाधान का कार्य करेगी।
सरकार विवाह स्थलों, सेवा प्रदाताओं और टूर ऑपरेटरों के लिए स्पष्ट प्रमाणन और पैनल प्रक्रिया विकसित करेगी। समारोहों के लिए लाइसेंस और अनुमतियों को एकल खिड़की पोर्टल के माध्यम से दिया जाएगा। शोर नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य किया जाएगा। इस योजना में जीएमवीएन और केएमवीएन भी पर्यटन विभाग को सहयोग देंगे।
नई संभावनाएं, नए स्थल
वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए नए और छिपे हुए स्थलों की पहचान की जाएगी और वहां सड़क, रेल, हवाई, संचार, बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी से अस्थायी आवासीय सुविधाएं जैसे टेंट और रिसॉर्ट भी विकसित किए जाएंगे।
राज्य के प्रमुख स्थलों का प्रचार
ऋषिकेश के नदी तट, मसूरी के पर्वतीय रिसॉर्ट और अल्मोड़ा की विरासत संपत्तियों को विशेष वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा। इन स्थलों के पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर कर प्रचार किया जाएगा। इसके लिए डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया पर विशेष सामग्री तैयार की जाएगी।
थीम आधारित वेडिंग पैकेज
पर्यटन विभाग साहसिक विवाह, आध्यात्मिक विवाह, ईको-फ्रेंडली विवाह और पारंपरिक क्षेत्रीय शैली में विवाह जैसे विशेष थीम पैकेज तैयार करेगा। इसके तहत अनुभवात्मक पर्यटन क्लस्टर विकसित होंगे। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, ट्रैवल एजेंटों और आयोजकों के लिए संभावित स्थलों पर परिचयात्मक भ्रमण कार्यक्रम भी कराए जाएंगे।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी, बल्कि राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।