
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से सामाजिक विद्वेष और जातिगत हिंसा की एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। बुधवार रात ‘सिंह’ सरनेम लगाने को लेकर हुए विवाद में 52 वर्षीय शिरोमणि सिंह की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने बचाने आए उनके तीन रिश्तेदारों को भी बुरी तरह पीटा, जो अस्पताल में भर्ती हैं।
🔴 घटना का सारांश
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स्थान: ग्राम पीप रोड, थाना मऊ, चित्रकूट
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समय: बुधवार रात 8 बजे
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मृतक: शिरोमणि सिंह (52)
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आरोपी: छोटू पांडेय और दो अन्य
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घायल: सुनील, सुधीर, मंजीत (रिश्तेदार)
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विवाद का कारण: नाम में ‘सिंह’ लिखना
⚠️ घटना का विवरण
शिरोमणि सिंह रात को अपने घर लौट रहे थे, तभी गांव के छोटू पांडेय और उसके दो साथियों ने उन्हें नाम में ‘सिंह’ क्यों लिखते हो? कहकर रोका। बात बिगड़ते ही तीनों ने लाठियों से उन पर ताबड़तोड़ वार किए।
शिरोमणि गंभीर रूप से घायल होकर ‘बचाओ-बचाओ’ चिल्लाते हुए गिर पड़े। आवाज सुनकर रिश्तेदार सुनील, सुधीर और मंजीत दौड़े लेकिन आरोपियों ने उन्हें भी लहूलुहान कर दिया।
🏥 इलाज और मृत्यु
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ग्रामीणों ने घायल शिरोमणि को सीएचसी मऊ पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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तीन घायल रिश्तेदारों का इलाज जारी है।
👮 पुलिस का बयान
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मऊ थाना प्रभारी दुर्विजय सिंह के अनुसार, नाम में ‘सिंह’ लगाने को लेकर विवाद हुआ था, जो जानलेवा हिंसा में बदल गया।
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अब तक तहरीर नहीं दी गई, लेकिन पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है, जल्द गिरफ्तारी की बात कही गई है।
🧑👩👧👦 परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
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मृतक की पत्नी शिव कुमारिया ने बताया कि उनके आठ बच्चे हैं – पांच बेटियां और तीन बेटे, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
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परिवार पर एकाएक आई यह त्रासदी आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से गहरा संकट बन गई है।
⚖️ सवाल और चिंता
यह घटना न सिर्फ एक हत्या है, बल्कि जातिगत अहंकार और पहचान के संकट की भयावह मिसाल है। सिर्फ ‘सिंह’ लिखने पर किसी की जान ले लेना हमारे समाज की असहिष्णुता और विघटनकारी मानसिकता को उजागर करता है।
🔎 मांग उठ रही है कि दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी कर परिवार को न्याय और सुरक्षा दी जाए। यह घटना जातिगत असहिष्णुता के खिलाफ एक चेतावनी है — समाज को अब सवाल पूछना होगा।