देहरादून: नगर निगम द्वारा अनावश्यक रूप से थोपे गए पंजीकरण शुल्क के विरोध में वेडिंग व फार्म हाउस संचालकों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामले में संचालकों ने निगम पहुँच कर मेयर व नगर आयुक्त के समक्ष अपना विरोध प्रकट किया। जिस पर नगर आयुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस पर कोई भी अंतिम निर्णय सबसे बातचीत के बाद ही लिया जाएगा।
हम पहले से ही नगर निगम को सम्पत्ति कर के विरुद्ध भुगतान की गई मोटी रकम के बोझ तले दबे हुए है। हमें नगर निगम से उस कर के विरूद्ध कोई सहायता नहीं मिलती है, वास्तव में हमें अपने कचरे को आपके अधिकारियों द्वारा निर्धारित कचरा संग्रह केन्द्रो पर गिराने के लिए कचरा निपटान वाहन (बहुत अधिक कीमतों पर) की व्यवस्था स्वंय करनी पडती है।
विवाह स्थल खोले जाने पर भारी शुल्क और करों का भुगतान करना पड़ता है। सरकार पहले से ही फायर एनओसी और एमडीडीए अनुमोदन आदि के माध्यम से भारी शुल्क वसूलती है। एक विवाह स्थल एक वर्ष में लगभग 35 से 40 शादियों के लिए संचालित होता है। इसमे न तो हमारा खर्च निकल पाता है और न कर्मचारियों की सैलरी।
हमारा निगम प्रशासन से अनुरोध है कि वह पुनः इस विषय पर विचार कर पंजीकरण शुल्क को समाप्त करें।