
आगरा। आगरा के खेरागढ़ में दो परिवारों में जमीन को लेकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों को पुलिस थाने ले गई। आरोप है कि एक पक्ष के व्यक्ति पर पुलिस के द्वारा जमकर मारपीट की गई। फिर शांति भंग में चालान कर दिया। कोर्ट ले जाते समय मेडिकल कराने के बाद फिर से मारपीट की गई। परिजनों ने विधायक से शिकायत की। देर रात विधायक ने पीड़ित और तमाम कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस कमिश्नर के आवास पहुंच मामले की जानकारी दी। कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित कर दिया।
मामला खेरागढ़ के गांव कछपुरा का है। यहां के निवासी महेंद्र कुशवाह और प्रेम सिंह में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। रविवार को भी दोनों पक्षों में कहासुनी होने पर महेंद्र ने फोन कर 112 पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस महेंद्र और प्रेम सिंह को थाने ले आई। जहां से कुछ समय बाद प्रेम सिंह को छोड़ दिया। आरोप है कि थाने पर महेंद्र के पैरों और हाथों को बेरहमी से जूतों से कुचला। वहीं थाने पहुंचे भाई रेवती को खंभे से बांध दिया। उससे तीन हजार रुपये मांगे। रुपये नहीं मिलने पर शांति भंग की कार्रवाई करते हुए महेंद्र का चालान कर दिया। कोर्ट में पेश करने से पूर्व मेडिकल कराकर फिर से पीटा गया।
शाम को महेंद्र की पत्नी परिजनों के साथ कस्बा स्थित एक मैरिज होम में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद विधायक भगवान सिंह कुशवाह के पास पहुंची। रोते हुए मामले की जानकारी दी। विधायक ने थाना प्रभारी इंद्रजीत सिंह से बात की तो उन्होंने थाने पर किसी के साथ भी मारपीट किए जाने से इंकार कर दिया। कुछ देर में भारी पुलिस फोर्स भी मैरिज होम पर पहुंच गया।
इस दौरान पुलिस कार्यशैली से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं से जमकर नोंकझोंक हुई। मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिसकर्मियों के रवैये से नाराज विधायक दो घंटे तक कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही डटे रहे। विधायक देर रात जमानत कराकर लौटे पीड़ित महेंद्र को लेकर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के आवास पर पहुंचे। मामले की जानकारी देते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। इस पर कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए रात में ही खेरागढ़ प्रभारी निरीक्षक इंद्रजीत सिंह को निलंबित कर दिया।
विधायक भगवान सिंह कुशवाह ने बताया कि पुलिस ने महेंद्र के हाथों पर खड़े होकर जूतों से कुचलते हुए बेरहमी से मारपीट की। उसके बाद शांति भंग में चालान कर मेडिकल कराने के बाद भी मारपीट की गई। जमीन का विवाद था तो राजस्व विभाग के साथ संयुक्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, दोनों पक्षों का ही चालान होता। देर रात पीड़ित परिवार को लेकर पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी। जिस पर कमिश्नर ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है।