
रोहतक। हमारी भी कैसी किस्मत है कि साल 2011 में भाई का शव बोरे में मिला था और अब बहन का शव सूटकेस में मिला है। उस समय भाई के हत्यारों को सजा नहीं मिल पाई थी और अब 24 घंटे से ज्यादा समय बीत गया है। बहन को न्याय मिलता नहीं दिख रहा है। मीडिया के सामने भाई जतिन ने हाथ जोड़कर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वह बहन को न्याय दिलाए।
जतिन ने कहा कि 2011 में उनके भाई कुलदीप की शिवाजी कॉलोनी के कुछ लोगों ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी और शव बोरे में भरकर रेलवे लाइन के पास बने गड्ढे़ में फेंक दिया था। इसमें कुछ लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था, लेकिन बाद में वह सभी छूटकर आ गए और आज तक सजा नहीं हुई। जतिन ने आरोप लगाया कि यदि पुलिस सही कार्रवाई करती तो भाई को न्याय मिल सकता था। अब भी कुछ इसी तरह की घटना फिर हुई है। इस बार बहन हिमानी का शव सूटकेस में मिला है और हत्यारोपियों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
इस बार भी उम्मीद नहीं है कि उनको न्याय मिल पाएगा। चूंकि 24 घंटे बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने मीडिया के सामने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की है कि उनकी बहन को न्याय दिलाया जाए और हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाई जाए। कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल का शव जिस सूटकेस में मिला था, वह उसी का निकला। इस बात का दावा हिमानी की मां सविता और भाई जतिन ने किया है। उन्होंने कहा कि सूटकेस देखने के बाद वह अपने घर गए। सूटकेस घर से गायब था। इसके बाद सूटकेस को गंभीरता से देखा तो एक जगह से क्रेक हो रहा था और वह हिमानी का ही था।
जब भी हिमानी ज्यादा कपड़े लेकर जाती थी तो उसी का प्रयोग करती थी। अब हिमानी के सूटकेस की पहचान होने के बाद दो थ्योरी पर पुलिस काम कर रही है। पहली थ्योरी यह कि कहीं हिमानी की हत्या उसके घर में ही तो नहीं की गई है। चूंकि हत्या करके शव को बाहर ले जाने के लिए सूटकेस से बेहतर को कोई साधन नहीं था। कुछ लोगों को दूर के सीसीटीवी कैमरों में देखा गया है, लेकिन यह साफ नहीं आ रहा है कि सूटकेस को हिमानी लेकर जा रही थी या कोई और व्यक्ति था।
दूसरी थ्योरी यह है कि हत्यारोपियों के साथ हिमानी जहां शादी के कार्यक्रम में जाने के लिए कहकर गई थी। वहां पर जाते या आते समय किसी बात को लेकर विवाद हुआ और हत्यारोपियों ने गला घोंटकर उसे मार दिया और फिर उसी के सूटकेस में शव डालकर उसे सांपला में फेंक दिया।