
गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम में फ्रीलांसर रेडियो जॉकी सिमरन सिंह ने कथित तौर पर सेक्टर 47 इलाके में स्थित अपने किराए के घर में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। बुधवार देर रात उसका शव उनके कमरे में लटका हुआ मिला। हालांकि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सिमरन मूल रूप से जम्मू-कश्मीर की रहने वाली थीं। फिलहाल वह गुरुग्राम के सेक्टर-47 में किराए की कोठी में अपने कुछ साथियों के साथ रह रही थी। पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने शव उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस के अनुसार, 26 वर्षीय आरजे सिमरन सिंह पिछले कई महीनों से सेक्टर 47 की कोठी नंबर 58 में अन्य दोस्तों के साथ किराए पर रहती थीं। बुधवार रात वह अपने कमरे में मृत पाई गईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे आरजे सिमरन सिंह के एक दोस्त से सूचना मिली, जो उसी घर में रहता था। उन्होंने पुलिस को बताया कि सिमरन ने खुद को अंदर बंद कर लिया है और दरवाजा नहीं खोल रही है। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और किसी तरह उसके कमरे का दरवाजा खोला। सामने सिमरन का शव फंदे से लटका हुआ था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी भेज दिया। उसके परिवार को सूचित किया गया। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। परिजनों का कहना था कि पिछले कुछ समय से वह किसी बात को लेकर परेशान थी।
सिमरन सिंह के सोशल मीडिया पर काफी मशहूर थी। इंस्टाग्राम पर उनके करीब 6.82 लाख फॉलोअर्स हैं। उसे ‘जम्मू की धड़कन’ के नाम से भी जाना जाता था। पुलिस जांच में पता चला है कि सिमरन ने विगत 13 दिसंबर को आखिरी बार एक रील पोस्ट की थी। मौत से 13 दिन पहले की आखिरी पोस्ट में उसने समुद्र तट पर डांस करते हुए वीडियो डाला था। इसमें लिखा था- ‘अंतहीन खिलखिलाहट और अपने गाउन के साथ समुद्र तट पर बस एक लड़की।’ सिमरन अपने फैंस के साथ ऐसे फनी रील्स साझा करती थीं, जो उनके फैंस को खुश कर देती थी।
सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने कहा कि मृतक आरजे सिमरन सिंह अपने कुछ दोस्तों के साथ कोठी में किराए पर रहती थी। उसके माता-पिता द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है, जबकि जांच जारी है। सिमरन रेडियो चैनल में एक आरजे थी। हालांकि, उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी थी और अब वो फ्रीलांसिंग कर रहीं थीं। सिमरन का एक यूट्यूब चैनल भी है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोकप्रिय रेडियो जॉकी की दुखद और असामयिक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है।
सिमरन के प्रशंसक उन्हें “जम्मू की धड़कन” कहकर बुलाते थे। यही नहीं, सिमरन सिंह एक मशहूर रेडियो स्टेशन से जुड़ी थीं, लेकिन बाद में उन्होंने वहां से निकलकर फ्रीलांस रेडियो जॉकी के तौर पर काम करना शुरू कर दिया।