जबलपुर। डिंडौरी पश्चिमी करंजिया वन परिक्षेत्र के पंडरीपानी गांव के जंगल में एक मादा टाइगर और चार हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए है। इस वजह से आसपास के आधा दर्जन गांवों के लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। टाइगर और हाथियों की दहशत को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। साथ ही साप्ताहिक हाट बाजारों के आयोजन पर भी रोक लगा दी गई है।
रेंजर प्राची मिश्रा ने बताया कि पंडरीपानी गांव के जंगल में पिछले एक सप्ताह से एक मादा टाइगर घूम रही है। इसके अलावा चार हाथियों का झुंड जिसमें एक नर, दो मादा और एक बच्चा करीब दस दिनों से इलाके में डेरा डाले हुए हैं। मादा टाइगर ने चार दिन पहले दक्षिण समनापुर वन परिक्षेत्र के रंजरा गांव में एक मवेशी का शिकार किया था। वहीं, हाथियों के झुंड ने एक वन आवास सहित आधा दर्जन मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। हाथियों ने किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है।
वन विभाग और प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा के मद्देनजर कदम उठाए हैं। रेंजर द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन के आधार पर जिला प्रशासन ने क्षेत्र के स्कूलों में 25 से 29 नवंबर तक छुट्टी घोषित कर दी है। साप्ताहिक हाट बाजारों के आयोजन पर भी रोक लगाई गई है। हाथियों और टाइगर के एक ही वन क्षेत्र में मौजूद होने के कारण आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। हाथियों का यह झुंड हर साल कान्हा नेशनल पार्क की ओर जाते समय डिंडौरी क्षेत्र से गुजरता था, लेकिन इस बार झुंड दस दिन से इलाके में रुका हुआ है।
हाथियों को आगे बढ़ाने के लिए वन विभाग ने पटाखे फोड़े और बैंड बजाए, लेकिन प्रयास सफल नहीं रहे। हाथियों द्वारा की गई क्षति को देखते हुए जिला प्रशासन ने पीड़ितों को लगभग ढाई लाख रुपये का मुआवजा दिया है। वन विभाग और प्रशासन की टीमें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और क्षेत्र के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।