जिन्न को पाने की ख्वाहिश में तांत्रिक क्रिया करने वाले आरोपियों ने पहले तो मौलाना की कब्र के पास बैठकर तंत्र क्रिया की जब उससे बात नहीं बनी तो उन्होंने मौलाना कब्र ही खोद डाली और लाश निकालकर उसका सिर काट लिया. इसके बाद भी जब तंत्र-मंत्र नहीं हो सका तो आरोपी पकड़े जाने के डर से मौलान के सिर को बिजनौर से दिल्ली और फिर मुंबई तक ले गए. बेइंतहा ताकत, और लोगों के बीच में सिद्ध कहलाने की ख्वाहिश दो तांत्रिकों को जेल की सलाखों के पीछे ले गई. जी हां, तांत्रिकों ने सिद्धि पाने के लिए इंसानियत को ही तार-तार कर दिया.
उन्हें पता था कि मौलाना के पास जिन्न है, वहीं जिन्न मौलाना की मौत के बाद उन्हें भी चाहिए था. बस यह ख्वाहिश ही उन्हें मौलाना की कब्र तक ले गई. जब उन्हें तंत्र-मंत्र करने के बाद भी सफलता नहीं मिली तो दोनों तांत्रिकों ने मौलाना की कब्र खोदकर शव बाहर निकाल लिया. शव बाहर निकाल कर उन्होंने मौलाना का सिर काट लिया और उसके साथ तंत्र-मंत्र किया. इसके बाद वह सिर लेकर मुंबई चले गए. पुलिस ने इस पूरे मामले में खुलासा किया है. पढ़ें हैवानियत की खौफनाक दास्तान…
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक कब्रिस्तान से कारी सईफुर्रहमान की कब्र खोदकर गर्दन काटी गई थी. लोगों को शक था कि तंत्र-मंत्र करने वालों ने कारी की गर्दन काट ली है. वहीं पुलिस को कब्र के पास से तंत्र-मंत्र करने का सामान भी मिला था. परिजन पुलिस से तंत्र-मंत्र करने वाले और कारी की गर्दन काट ले जाने वालों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने तंत्र-मंत्र करने वाले तांत्रिकों को गिरफ्तार लिया है. बिजनौर के एसपी अभिषेक झा ने पुलिस की चार टीमें इस केस की तह तक पहुंचने के लिए लगायी थी. बिजनौर और आसपास के जिलों के तांत्रिको से पुलिस पूछताछ कर रही थी. पुलिस ने इस केस का पर्दाफाश करते हुए दो तांत्रिक कसीमुद्दीन और राजवीर को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार तांत्रिको ने बताया कि दोनों काफी समय से साथ मिलकर तंत्र-मंत्र सिद्धि में लगे थे. साथ ही सट्टा लगाने वालों को नम्बर भी बताते थे. कसीमुद्दीन खारी का ही रहने वाला है जब उसे पता चला कि 25 जुलाई को कारी सईफुरहमान का इंतेकाल हो गया है तो उसने कारी के जिन्न को वश में करने के लिए सिब्लीइल्म की सिद्धि के बारे में राजवीर को बताया. दोनों ने चालीस दिन चुपचाप कब्रिस्तान में जाकर कारी सईफुरहमान के जिन्न को वश में करने के लिए कब्र पर तांत्रिक सिद्धि की लेकिन जिन्न काबू में नहीं आया. जब जिन्न काबू में नहीं आया तो 23 सितंबर को कब्र खोद कर गर्दन काट ली और तांत्रिक प्रयोग किए.
इसी दौरान लोगों को कारी सईफुरहमान की कब्र खोदकर गर्दन काट दिए जाने का पता चल जाने पर पकड़े जाने के डर से कसीमुद्दीन कारी सईफुरहमान का सर लेकर निजामुद्दीन औलिया होते हुए मुबंई चला गया. वहां भी समुद्र के किनारे तीन दिन सिर रख कर तंत्र-मंत्र किया और फिर सिर बाकी के सामान के साथ काले कपडे में बांधकर समुद्र में डाल दिया. तांत्रिक कसीमुद्दीन ने बताया कि इतना सब कुछ करने के बाद भी कारी सईफुरहमान का जिन्न हमारे काबू में नहीं आया. हमें उम्मीद थी कि मौलाना सईफुर्रहमान का जिन्न हमारे काबू में आने के बाद हमें सट्टे का नम्बर बतायेगा जिससे वो काफी रुपए और शोहरत कमा लेगें और जल्द ही मालामाल हो जायेंगे. वहीं पुलिस ने दोनों तांत्रिको के कब्जे से फावड़ा और गला काटने में प्रयोग की गयी आरी बरामद कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया.