इस्राइल ने लेबनान के कट्टरपंथी संगठन हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को हवाई हमले में मार दिया है। इसके बाद भी इस्राइल हिज्बुल्लाह पर लगातार मिसाइल से हमला कर रहा है। इन हमलों में इस्राइल की खुफिया एजेंसियों ने अपनी काबिलियत और ताकत पूरी दुनिया को दिखा दी है। इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया की खतरनाक खुफिया एजेंसियों में शामिल है। दुनिया की कुछ खुफिया एजेंसियों को मोसाद से भी खतरनाक माना जाता है। आइए आज हम आपको इस खबर में उन एजेंसियों के बारे में बताते हैं….
इजरायल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियोन ने 13 दिसंबर 1949 में मोसाद का गठन किया गया था। दरअसल, पीएम डेविड का मकसद था कि एक ऐसे संगठन को तैयार किया जाए, जो सेना के साथ मिलकर देश की सुरक्षा के लिए खुफिया तौर पर काम करता रहे। मोसाद का सालाना बजट 2.73 अरब डॉलर यानी 22810 करोड़ रुपये है। जानकारी के मुताबिक, मोसाद के तहत करीब 7000 लोग काम करते हैं। इसके कारण यह दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी एजेंसियों में शामिल है।
अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी सीआईए (CIA) भी बेहद खतरनाक मानी जाती है। इसे अमेरिका की फस्ट लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है। सीआईए की स्थापना साल 1947 में की गई थी। इसका काम विदेशी जासूसों से देश की रक्षा करना और दूसरे देशों की जासूसी करना है। अमेरिका ने साल 2020 में राष्ट्रीय खुफिया कार्यक्रम के लिए कुल 62.7 अरब डॉलर यानी 4 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था। खास बात यह है कि यह टेक्नोलॉजी के अलावा मानवीय जासूसी पर ज्यादा काम करती है और सिर्फ मानवीय जासूसी पर 30 हजार करोड़ खर्च करती है। सीआईए ऐसी एजेंसी है, जिसने कबूतरों के जरिए भी बहुत जासूसी की थी। सीआईए ने साबित किया था कि कैसे कबूतरों से काम कराया जाता है।
नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) भी अमेरिका की खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी सिग्नल इंटेलिजेंस पर काम करती है। यह देश और विदेश दोनों स्तर पर काम करती है। अमेरिका के नेताओं को एनएसए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करके राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बजब के हिसाब से यह अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है। यह डेटा माइनिंग को लेकर और तकनीकी तौर पर काफी काम करती है।
यह यूनाइटेड किंगडम (यूके) का मिलिट्री इंटेलिजेंस सेक्शन है। यह दुनियाभर में ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काम करती है। एमआई6, आतंकवाद का मुकाबला करने, प्रसार को रोकने, साइबर सुरक्षा के लिए खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने समेत कई काम करती है। यह एजेंसी इतनी सीक्रेट है कि इससे जुड़ी बेहद कम जानकारी सामने आई है। इस एजेंसी ने न सिर्फ हिटलर को ब्रिटेन से बाहर रखने में, बल्कि हिटलर को हराने में भी अहम भूमिका निभाई थी। रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। यह आतंकवाद से निगरानी तथा देश की आंतरिक और बाहरी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारियां निभाती है। साल 1995 में बनी यह एजेंसी देश के बाहर और देश के अंदर आतंकवाद विरोधी कई गतिविधियों की समाप्ति में अहम भूमिका निभा चुकी है।