हाथरस। सत्संग हादसे की जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में गठित न्यायिक जांच आयोग के सामने रविवार को 4 घंटे में 34 प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान दर्ज कराए। ज्यादातर गवाहों ने भगदड़ में 121 मौतों का कारण बाबा की चरण रज लेने की होड़ और सेवादार व सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही को बताया।
सिकंदराराऊ के ब्रजबिहारी कौशिक ने कहा कि वह भगदड़ की घटना के दौरान वह मौके पर ही मौजूद थे। सत्संग समाप्त होने के बाद जब बाबा मंच से जाने लगे, तभी भीड़ उनके पीछे-पीछे दौड़ने लगी। इस दौरान वहां भगदड़ मच गई। जब हम लोगों ने भीड़ को ऐसा करने और भगदड़ से लोगों को बचाने का प्रयास किया तो वहां तैनात बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने हम लोगों जाने नहीं दिया और रोक लिया।
कौशल प्रताप सिंह और ओमवीर सिंह राना ने बताया कि बाबा के पैर छूने और फूलों को लूटने के लिए लगी होड़ के चलते भीड़ अनियंत्रित हो गई और वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। यही हादसे की वजह बनी। वहीं, एक और आरोपी राम प्रकाश शाक्य को पुलिस ने रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया। रिमांड मजिस्ट्रेट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले घटना के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर व अन्य आरोपी संजू यादव को शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
एक और ऑडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है जिसमें बाबा के दो भक्त आपस में मोबाइल पर बातें कर रहे हैं। उनकी बातचीत की यह रिकार्डिंग है जिसमें एक भक्त कह रहा है कि पहले से तय था यह प्रलय आना। बाबा ने पहले ही कह दिया था। यह भी कोई बड़ी बात नहीं है। वे सभी निराकार के पास पहुंच गए हैं। किसी भी दिन बाबा उन्हें वापस ला सकते हैं। इससे अंधभक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है।