अल्मोड़ा। सोमेश्वर क्षेत्र में बारिश के बाद उपजे हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। प्रभावित क्षेत्रों में घर, दुकानें और रास्ते अब भी मलबे से पटी हैं। प्रभावित घरों से मलबा हटाने में जुटे हैं तो प्रशासन रास्तों से। वहीं, चनौदा में तीन दिन से बिजली आपूर्ति ठप है तो अधूरिया में जलापूर्ति ठप रहने से प्रभावित पानी के लिए भी तरस गए हैं।
सोमेश्वर के चनौदा, अधूरिया, जैंचोली, भनार, गुरुड़ा, बैगनिया, लखनाड़ी, जालधौलाड़, डिगरा, भगतोला, बले, रेमलाडूंगरी, मालौंज गांवों के लोगों के लिए बुधवार रात हुई बारिश आफत बनकर बरसी। पहाड़ी से आया मलबा और बोल्डर लोगों के घरों और दुकानों में घुस गए। तीन दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। लोग अब भी घरों, दुकानों से मलबा हटाने में जुटे हैं। भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर घरों में घुसने से प्रभावितों के लिए इसे हटाना चुनौती बना हुआ है।
मलबा हटाने के बाद प्रभावितों को अपने घरों में आई दरारें भी भरनी पड़ेंगी। गांवों में पेयजल लाइनें ध्वस्त होने से जलापूर्ति ठप है। हालात यह हैं कि टैंकर से पानी बांटकर प्रभावितों को राहत पहुंचाई जा रही है। वहीं चनौदा में बीते तीन दिन से बिजली गुल रहने से लोग परेशान हैं। चौखुटिया में भी बारिश ने खूब आफत मचाई। यहां भी दुकानों और घरों में मलबा घुस गया। तीन दिन बाद भी प्रभावित मलबा हटाकर जीवन पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। संवाद
सोमेश्वर क्षेत्र में बारिश से हुए नुकसान का आकलन अंतिम चरण में है। प्रशासन ने प्रभावितों को मुआवजा बांटने की कार्यवाही शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को क्षेत्र के 67 प्रभावितों को 3,66,500 रुपये मुआवजा बांटा गया। फिलहाल नुकसान का आकलन जारी है।
हम खुद अपने घरों का मलबा हटा रहे हैं। प्रशासन राहत के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है। यदि मलबा हटाने में सहयोग मिलता तो हम अपने घरों में सुरक्षित रह पाते। -कुंवर भाकुनी, चनौदा।
सड़क से मलबा तो हटाया जा रहा है, लेकिन घरों और दुकानों का मलबा प्रभावितों को खुद हटाना पड़ रहा है। श्रमिक नहीं मिलने से दिक्कत आ रही है। इस कठिन समय में प्रशासन को सहयोग करना चाहिए। -शंकर राम, जालधौलाड़।
बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के साथ ही प्रभावितों को मुआवजा बांटने की कार्यवाही शुरू कर दी है। प्रभावितों की हरसंभव मदद की जा रही है। -खुशबू पांडे, तहसीलदार, सोमेश्वर।