बरेली। दिल्ली में अस्पताल से छुट्टी के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने अपने दिल्ली आवास पर मीडिया से बात की। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वह हक की आवाज उठाते रहेंगे। भले ही उन्हें मुख्तार अंसारी की तरह जेल में जहर देकर या अतीक और अशरफ की तरह पुलिस की मौजूदगी में गुंडों से गोली मरवा दिया जाए।
मौलाना तौकीर राजा ने हाल ही में उन्हें फरार घोषित करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी नहीं दी थी लेकिन थोड़ा सुधार होते ही ऐसी बातों को सुनकर वह अस्पताल से आ गए हैं। वह देश के संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन रखते हैं। कोर्ट में पेश होने, जेल जाने या फांसी पर चढ़ने से नहीं डरते हैं। वह जल्दी ही कोर्ट के सामने पेश के होंगे।
मौलाना ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के चुनावी मंच पर दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों को नसीमुद्दीन, आजम, अतीक अहमद, अशरफ और मुख्तार अंसारी जैसे लोगों से निजात दिलाने की बात कही है। इसका मतलब यह है कि मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देकर मारने का आरोप गलत नहीं है। इसी तरह अतीक और अशरफ को पुलिस की मौजूदगी में सरकार ने गुंडे भेजकर साजिशन मरवाया।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और कोर्ट को गृहमंत्री के बयान का संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होगा। बल्कि इस तरह के सवाल उठाने पर उनके खिलाफ नया मुकदमा जरूर कर दिया जाएगा। आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया कि मौलाना तौकीर रजा खां दिल्ली में हैं। वहां निजी अस्पताल डिस्चार्ज होने के बाद एक चैनल ने उनसे बातचीत की।
आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को जिला जज की अदालत ने फरार घोषित किया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान मौलाना के पेश नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जताई। साथ ही तीसरी बार गैरजमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस को आगे की कार्रवाई करने का आदेश दिया है।