आजमगढ़। मिलावटी शराब बनाने तथा गैंगस्टर के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने गुरुवार को सबूतों के अभाव में पूर्व विधायक सुरेंद्र मिश्रा समेत चार आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश ओम प्रकाश वर्मा ने सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार कप्तानगंज थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विमलेश मौर्य ने 21 सितंबर 2018 को एसओजी प्रभारी राजेश उपाध्याय तथा अन्य सहयोगियों के साथ रामनयन स्मारक महिला महाविद्यालय पिपरिया धर्मशाला में अवैध रूप से शराब बनाए जाने की सूचना पर छापा मारा। इस छापेमारी के दौरान पूर्व विधायक सुरेंद्र मिश्रा, श्री यादव उर्फ श्री चंद यादव निवासी डिबनिया थाना अतरौलिया को गिरफ्तार किया।
इस छापेमारी में ब्रेजा कार से बेचने के लिए ले जाई जा रही पांच पेटी मिलावटी शराब को बरामद किया था। विवेचना के दौरान प्रदीप यादव निवासी शहाबुद्दीनपुर थाना बिलरियागंज, सोनू यादव निवासी सैदपुर बस्ती थाना कंधरापुर का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद चारों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया।
पुलिस ने इसी मुकदमे के आधार पर चारों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया और सभी के विरुद्ध गैंगस्टर में भी चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की। अभियोजन पक्ष की तरफ से मिलावटी शराब कांड में कुल आठ गवाह तथा गैंगस्टर के मामले में कुल सात गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों के सुनने के बाद अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोनों ही मुकदमों में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।