दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 6 दिन की ED रिमांड पर भेजा गया है। गुरुवार को दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू अदालत में पेश किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने निचली अदालत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद राउथ एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने उनकी हिरासत का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के अन्य मंत्रियों और नेताओं के साथ शराब घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता थे। अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ और शराब घोटाले के आरोपियों के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई। ईडी ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने, लागू करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत के रूप में कई करोड़ रुपये मिले। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से कुछ आरोपियों से 100 करोड़ रुपये की मांग की थी। आम आदमी पार्टी एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक ‘कंपनी’ है, इसलिए ‘कंपनी’ के संचालन के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल के वकील ने आबकारी नीति मामले में अदालत से कहा कि पैसे के लेन-देन की कड़ियां जोड़ने के वास्ते आगे की जांच किए जाने को गिरफ्तारी के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी की शक्ति, गिरफ्तारी की आवश्यकता के समतुल्य नहीं है, इस व्यक्ति (अरविंद केजरीवाल) को गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सिंघवी ने अदालत ने कहा कि आम आदमी पार्टी के चार और वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, (चुनाव के लिए) गैर बराबरी का माहौल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।