नई दिल्ली। यदि कोई खुद को कूरियर कंपनी का अधिकारी बताकर आपको कॉल करें तो जरा सावधान हो जाएं। इन दिनों कूरियर के जरिये विदेश भेजे जाने वाले पार्सल में अवैध पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड और ड्रग्स भेजने के नाम पर डराकर वसूली करने का धंधा जोरों पर है। वारदात के दौरान साइबर ठग कुछ इस तरह के हालात बना देंगे की सब कुछ आपको असली लगेगा। यहां तक आपका विश्वास जीतने के लिए आपका आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर और दूसरे दस्तावेजों का भी गैंग हवाला देगा। इन ठगों के जाल में फंसकर ज्यादातर लोग डर की वजह से मोटी रकम इनके खातों में ट्रांसफर कर देते हैं।
प्रसाद नगर में रहने वाले 73 साल के बुजुर्ग शिशिर मेहता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। पीड़ित के पास फेडेक्स कूरियर का अधिकारी बनकर एक व्यक्ति ने कॉल किया। कहा गया कि उन्होंने ताइवान एक पार्सल भेजा है। उसमें छह अवैध पासपोर्ट, छह क्रेडिट कार्ड के अलावा 140 ग्राम बेहद संवेदनशील ड्रग्स हैं। उसे मुंबई एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया है।
पीड़ित के इंकार करने पर उनके तमाम असली दस्तावेजों का हवाला दिया गया। बाद में गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे जांच के नाम पर 7.50 लाख रुपये वसूल लिये गए। ठगी का पता चलने पर मामले की शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से जांच में जुटी है।
बैंक खातों की जांच का दिया झांसा : आरोपियों ने खातों की जांच की बात की। पीड़ित ने अपने दोनों खातों की जानकारी उनको दे दी। कहा गया कि वह जांच करेंगे की रकम कहीं हवाला की तो नहीं है। आरोपियों ने उनके पास दो लेटर भेजे, एक में सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया व दूसरे में आरबीआई द्वारा खातों की जांच की बात की गई थी।
दो बार में किए 7.50 लाख रुपये ट्रांसफर : आरोपियों ने रुपयों की जांच के नाम पर बैंक भेजकर बुजुर्ग से दो अलग-अलग आरटीजीएस करा लिये। जांच के बाद 15 मिनट में रुपये वापस आने की बात की गई। रुपये भेजने के बाद बुजुर्ग बेहद परेशान हालत में घर पहुंचे और उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया।
पीड़ित शिशिर मेहता ने बताया कि आठ नवंबर 2023 को उनके मोबाइल पर कॉल आई। अवैध पार्सल भेजने और उसके पकड़े जाने की बात कर पहले मुंबई क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रकाश कुमार से बात करवाई। उसने मामला गंभीर बताकर कहा कि उनको डीसीपी से बात करना होगी। इसके बाद खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डीसीपी बनकर एक व्यक्ति ने बुजुर्ग से बात की। वह हिन्दी-अंग्रेजी दोनों में उनसे बात कर रहा था। उसने बताया कि उनके आधार से चार बैंक खाते लिंक हैं। इन खातों का संबंध मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री से है। पूछा आपका मंत्री से क्या संबंध है।
कूरियर कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से कहा कि वह किसी भी बैंक की जानकारी या निजी जानकारी नहीं मांगते। यदि आपके पास कंपनी के नाम से कोई कॉल या मैसेज आए तो फौरन इसकी शिकायत करें। इसके साथ किसी लिंक पर क्लिक न करें। आईवीआर पर दिए गए ऑप्शन पर भी बात न करें।
यह बरतें सावधानी ताकि न हो ठगी
- कूरियर पार्सल के नाम से कॉल आए तो नजर अंदाज करें।
- फोन उठा भी लें तो किसी ऑप्शन पर बटन न दबाएं।
- कोई निजी जानकारी किसी को भी उपलब्ध न कराएं।
- किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें।
- ठगी होने पर नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन या 1930 पर शिकायत दें।
- ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दें।