हरिद्वार। योगगुरु स्वामी रामदेव और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से जुर्माना लगाने की झूठी खबर वायरल किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। यदि हम झूठे विज्ञापन या प्रोपेगेंडा करें तो जुर्माना लगे या फांसी हमें कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन योग और आयुर्वेद के खिलाफ प्रोपेगेंडा कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि वायरल खबर में दिखाया जा रहा है कि पतंजलि योगपीठ पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जुर्माना लगाया गया है। कहा कि यह पूरी तरह निराधार है। योग और आयुर्वेद पर सवाल उठाने वालों का जवाब उन्हीं की भाषा में दिया जाएगा। उन्होेंने कहा कि शोध साक्ष्यों के आधार पर वह किसी भी फोरम पर खुद को साबित करेंगे। इसके लिए उन्हें अगर सुप्रीम कोर्ट में पेश होना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे।
योग आयुर्वेद, नेचरोपैथी, पंचकर्म, षट्कर्म की सैकड़ों थैरेपी, उपवास व उपासना पद्धति के इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट से हमने लाखों लोगों को रोगमुक्त किया है। बीपी, शुगर, थायराइड, अस्थमा, आर्थराइटिस व मोटापा से लेकर लीवर, किडनी फेलियर व कैंसर जैसे प्राणघातक रोगों से हमने हजारों लोगो को मुक्त किया। इसका एक करोड़ से अधिक लोगों का डेटा बेस, रियल वर्ल्ड एविडेंस व क्लिनिकल एविडेंस हमारे पास है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमारे पास ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट व सनातन ज्ञान परंपरा पर शोध करने के लिए विश्व का श्रेष्ठतम शोध संस्थान, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन है।
यहां सैकड़ों विश्वविख्यात वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं तथा 3,000 से अधिक रिसर्च प्रोटोकोल फॉलो करके 500 रिसर्च पेपर वर्ल्ड के टॉप रिसर्च जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। आरोप लगाया कि मेडिकल सेक्टर के कुछ कथित कुंठित डॉक्टरों को समस्या है। मेडिकल फील्ड में नकली पेसमेकर लगाने वाले, किडनी चोरी करने वाले, गैर-जरूरी दवा व अंधाधुंध टेस्ट कराकर, जो मेडिकल क्राइम कर रहे हैं, उनको हमने कई बार मेडिकल माफिया, ड्रग माफिया कहा था, इससे लड़ाई हुई है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि मेडिकल साइंस में जो अच्छे डॉक्टर्स हैं और जो लाइफ सेविंग ड्रग्स, जरूरी सर्जरी का हम पहले से सम्मान करते हैं। साथ ही एलोपैथी से भी एडवांस ट्रीटमेंट जो हमने वेदों आयुर्वेद के महर्षि चरक, महर्षि सुश्रुत व महर्षि धनवन्तरि, पतंजलि से प्राप्त किया है, उसको वैज्ञानिकता व प्रमाणिकता से व्यापार के लिए नहीं, उपचार व उपकार की भावना से आगे बढ़ा रहे हैं। स्वामी रामदेव ने कहा कि वह कोर्ट, मीडिया के सामने सारे तथ्य व प्रमाण भी रखने के लिए तैयार हैं।
कोरोना के बाद लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें होने के सवाल पर बाबा रामदेव ने चुटकी लेते हुए 2024 से पहले वैक्सीनेशन के खिलाफ बोलना खतरे से कम नहीं है। कई बार सत्य बोलना भी मुसीबत बन जाता है। लेकिन कोरोना में एंटीबॉयोटिक, स्टेराइड की ओवर डोज या वैक्सीनेशन से स्वास्थ्य पर किस तरह का प्रभाव पड़ा है। इसका कोई डॉक्यूमेंटेशन नहीं हुआ है। इसमें एक बहुत घोटाला होने का अंदेशा है।
बाबा रामदेव अब राजनीति बयान देकर कोई पंगा नहीं लेना चाहते हैं। मीडिया के सवालों पर कहा कि 10 साल पहले हम अल्हड़ थे। अब समझदार हो गए। उन बातों पर कम बोल रहा हूं, जिससे राजनीति में पंगा और दंगा हो। मेरा फोकस पतंजलि के माध्यम से समाज सेवा और लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए रचनात्मक कार्यों पर है। अभी तक पतंजलि को देश भर में आयुष वेलनेस सेंटर, गुरुकुल खोलने हैं।