कानपुर। कानपुर में काकादेव कोचिंग मंडी स्थित गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी के भाई और दो दोस्तों को भी पुलिस ने जांच और फोरेंसिंक जांच रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार किया है। वारदात में मुख्यारोपी टिफिन डिलीवरी बॉय अर्जुन यादव, उसका जिगरी दोस्त चिंटू तिवारी, रोहित और भाई रिंकू भी शामिल थे। बेंजाडीन टेस्ट में अर्जुन व चिंटू के हाथों में खून के धब्बे मिले हैं। तीनों को शुक्रवार को जेल भेजा गया।
हालांकि, पुलिस अब तक हत्या की मुख्य वजह नहीं बता सकी है। इस राज से पर्दा उठाने के लिए पुलिस डिलीवरी बॉय की कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी कर रही है। अर्जुन को जेल भेजने से पहले पुलिस ने गुरुवार को हैलट में उसका सीमन सैंपल व डीएनए जांच के लिए सैंपल कलेक्ट करवाया। वहीं, सभी आरोपियों की फॉरेंसिक जांच कराई गई। सूत्रों की मानें तो जांच रिपोर्ट में मुख्य आरोपी अर्जुन के नाजुक अंग पर सीमन और खून के धब्बे पाए गए।
उसके व उसके दोस्त चिंटू के हाथों में भी खून मिला है। घटना के वक्त दोनों आरोपियों ने जो कपड़े पहने थे, उनको भी फोरेंसिक टीम ने सीज किया। काकादेव थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि अर्जुन समेत चारों आरोपियों पर दुष्कर्म, हत्या व षड्यंत्र रचने की धारा लगाई गई है। अर्जुन की पुलिस कस्टडी रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी डाली जाएगी।
पुलिस को आशंका है कि मुख्य आरोपी अर्जुन ने पहले खुद वार्डन से दुष्कर्म किया। दोस्त चिंटू के साथ मिलकर उससे वहशियाना हरकत की कोशिश की। विरोध करने पर वार्डन की बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी। शव पर सिर से पैरों तक आठ चोटें इसकी पुष्टि करती हैं। हालांकि, अर्जुन के भाई रिंकू व अन्य दोस्त रोहित के हाथ या शरीर पर कुछ नहीं मिला।
चारों आरोपियों में से किसी के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं मिला। ऐसे में कमरे में मिला खून वार्डन का ही होने की पूरी उम्मीद है। फोरेंसिक टीम ने गद्दे पर मिला खून, महिला के शरीर पर मिला खून और दोनों आरोपियों के हाथों में मिले खून के मिलान के लिए सैंपल लैब भेजा। वहीं, अर्जुन पुलिस की पूछताछ में टस से मस नहीं हुआ।
वह अपने पहले बयान पर ही अड़ा रहा। पुलिस ने मनोवैज्ञानिक तरीके से भी उससे सच उगलवाने का प्रयास किया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। स्थानीय लोगों की मानें, तो वार्डन और अर्जुन के बीच कुछ दिनों से काफी विवाद होने लगा था। झगड़े की आवाजें बाहर तक सुनाई देती थीं, लेकिन किसी को कोई मतलब नहीं रहता था। अर्जुन की मांग बढ़ती जा रही थी। वह वार्डन के कमरे में अक्सर नए दोस्तों को लाने लगा था। वार्डन बेटी के बड़े होने की वजह से इसका विरोध करती थी। वार्डन ने अर्जुन की इसी हरकत की वजह से बड़े बेटे को अपने पास बुलाकर रख लिया था। उसकी मौजूदगी में अर्जुन न तो तेज आवाज में बोल पाता था और न ही अपनी मनमानी कर पाता था।
घटना को भले ही मुख्य आरोपी अर्जुन ने अंजाम दिया हो, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार उसके साथ मौजूद रहे अन्य तीनों को भी इसकी पूरी जानकारी थी। यही वजह थी कि चारों आरोपियों ने नाश्ता करने के बाद रसोई में शराब पी। सीसीटीवी कैमरों में मुख्य आरोपी व उसका एक दोस्त एक साथ ऊपर जाते दिखे हैं। कुछ देर बाद अर्जुन का भाई रिंकू व रोहित भी अंदर जाते दिखे। उन्होंने भी नाश्ते के बाद शराब पी। इसके बाद रिंकू, रोहित, वार्डन की बेटी के साथ बाहर निकलते दिखे। कुछ देर बाद चिंटू भी हड़बड़ाहट में बाहर निकलता दिखा। वार्डन की बेटी के लौटने के बाद अर्जुन हॉस्टल से बाहर भागते नजर आया।