बांदा। बांदा मेडिकल कॉलेज में सत्तर सीसीटीवी कैमरे व 36 गार्डों की तैनाती व परिसर में ही पुलिस चौकी होने के बावजूद 29 घंटे तक प्रसूता गायब रही और जब मिली तो उसकी लाश। इस घटना ने कॉलेज प्रशासन पर तो सवाल खड़े किए हैं, पुलिस की भी सक्रियता पर सवालिया निशान लगा दिया है।
जिस जगह महिला का शव मिला वहां और इमरजेंसी से लेकर एसएनसीयू वार्ड तक के अंदरूनी कॉरीडोर में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा मिला। घटनास्थल के आसपास भी सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। इससे लग रहा है यदि वारदात हुई है तो इसको अंजाम देने वाले शातिर कैंपस के बारे में पूरी जानकारी रखते थे।
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी से लेकर एसएनसीयू वार्ड तक जाने वाले कॉरीडोर में सन्नाटा भी रहता है। इमरजेंसी वार्ड में बाहरी हिस्से में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है, जिससे महिला को बुधवार को सुबह 5:42 बजे अकेले निकलते हुए देखा गया है। इमरजेंसी गेट में दो गार्ड तैनात रहते है।
इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में एक सीनियर डॉक्टर, एक जूनियर डॉक्टर के अलावा तीन नर्सिंग स्टाफ, दो वार्ड ब्याय और दो स्वीपरों की ड्यूटी शिफ्टवार रहती है। घटना के दिन भी इतना ही स्टाफ वहां तैनात था। महिला के साथ उसके जेठ, जिठानी के अलावा भाई भी था। लेकिन इन सबका कहना है कि उनकी आंख लग गई थी। दूसरे दिन करीब 11 बजे महिला का शव नाली में औंधे मुंह मिला था।
मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड से सामने की ओर एक कॉरीडोर राउंड में घूमकर करीब 100 मीटर के दायरे से होकर एसएनसीयू वार्ड की ओर जाता है। यह कॉरीडोर अक्सर सन्नाटे से भरा होता है। यहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। प्राचार्य डॉ. एसके कौशल ने बताया कि कॉलेज प्रशासन उन स्थानों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाएगा, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। एडीएम प्रशासन राजेश कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज स्टॉफ की लापरवाही को जांचने के लिए एडीएम न्यायिक अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र और सीएमओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव को शामिल किया गया है।
पांच दिन बीतने के बाद भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती महिला की मौत के रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका है। घटना को लेकर पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। जांच की कड़ी में शनिवार की देर शाम कोतवाली पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में घटनास्थल पर सीन आफ क्राइम दोहराया। डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व गार्डों समेत वहां भर्ती मरीजों के परिजनों से भी पूछताछ की गई।
हालांकि इस मामले में फिलहाल पुलिस के हाथ अब तक खाली है। पुलिस अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में शनिवार की देर शाम कोतवाली पुलिस ने एक बार फिर सीन ऑफ क्राइम को दोहराया। मेडिकल कॉलेज के शल्य विभाग की बिल्डिंग में बारीकी से जाकर जांच पड़ताल की। एसएनसीयू वार्ड के पीछे घटनास्थल को एक बार फिर खंगाला गया।
कोतवाल अनूप दुबे ने उस समय ड्यूटी में तैनात दोनों चार डॉक्टरों, तीन पैरामेडिकल स्टाफ समेत गार्डों व कर्मचारियों के सुपरवाइजर से पूछताछ की। महिला इमरजेंसी वार्ड से घुमावदार कॉरीडोर से होकर पुलिस शल्य विभाग की बिल्डिंग तक पहुंची। वहां एसएनसीयू वार्ड, आईसीयू वार्ड को देखा। आईसीयू वार्ड के बगल से गई सीढ़ी से चढ़कर छत का भी मौका मुआयना किया।
कोतवाल अनूप दुबे ने बताया कि सीन ऑफ क्राइम के समय एक-दो तीमारदारों ने बताया कि उन्होंने महिला को आईसीयू वार्ड के बगल से लगी सीढ़ी में देखा था। अंदाजा लगाया जा रहा है कि महिला आईसीयू वार्ड की सीढ़ी से चढ़कर छत तक पहुंची थी। हालांकि कोतवाल का कहना है कि यह सब स्पष्ट नहीं है। इस प्रकरण की पूरी जांच की जा रही है। एडीएम न्यायिक की अध्यक्षता में गठित टीम पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। जांच पूरी होने तक कुछ भी कहना संभव नहीं है।