नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के संवेदनशील इलाकों में स्थित 600 से अधिक मतदान केंद्र तीन स्तरीय सुरक्षा घेरे में होंगे, जब छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग की जाएगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बस्तर में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां शांतिपूर्ण मतदान के लिए 60 हजार जवानों की तैनाती की गई है। राज्य में चुनाव सुचारू रूप से चलाने के लिए 40 हजार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और 20 हजार राज्य पुलिस के जवान तैनात किए गए है।
छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव बेहद संवेदनशील इलाकों में होना है, जिसे देखते हुए बस्तर संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्रों के कुल 149 मतदान केंद्रों को नजदीकी थानों और सुरक्षा शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि माओवादी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जाएगी। इसमें बम निरोधक टीम और श्वान दस्ते को भी शामिल किया जाएगा। प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) ने चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए हिंसक गतिविधियों का सहारा लिया है क्योंकि वे बस्तर क्षेत्र के विकास को देखकर निराश हैं।
राज्य में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होना है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण के दौरान सात नवंबर को 20 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जिसमें बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इस सीटों में अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा सीट शामिल है। इन सीटों पर सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोटिंग होगी। अन्य तीन सीटों पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक वोट पड़ेंगे।
चुनाव को लेकर बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि बस्तर संभाग में विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम है। मतदान केंद्र से लेकर सड़क की सुरक्षा करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल और विशेष बल जैसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स, बस्तर फाइटर्सऔर सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है। वहीं अंतरराज्यीय सीमा पर मोर्चा संभालने के लिए निकटवर्ती राज्यों-तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा के विशेष बल को जिम्मेदारी दी गई है।
अधिकारी के मुताबिक नक्सल प्रभावित इलाकों में 600 से अधिक मतदान केंद्रों पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है। चुनाव आयोग द्वारा जारी सभी मानदंडों के मुताबिक अन्य मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल और स्थानीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को संभालेगी। आंतरिक इलाकों में 156 से अधिक मतदान केंद्रों के मतदान कर्मियों और ईवीएम को हेलीकॉप्टरों के जरिए गंतव्यों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं सुरक्षा कारणों से बीजापुर, नारायणपुर, अंतागढ़, दंतेवाड़ा और कोंटा विधानसभा क्षेत्र में कुल 149 मतदान केंद्रों को पास के थाने और सुरक्षा शिविर में ट्रांसफर किया गया है।
बता दें कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य में 196 मतदान केंद्र को स्थानांतरित किया गया था। वहीं इसके अगले वर्ष यानी 2019 में आयोजित हुए लोकसभा चुनावों में 330 बूथ को स्थानांतरित किया गया था। बता दें कि वर्ष 2018 की अपेक्षा इस वर्ष 126 अधिक स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित किए गए है। वहीं इस बार चुनावों के दौरान महिला कमांडो को भी तैनात किया गया है। जानकारी के मुताबिक संभाग के सात जिलों में से पांच मतदान केंद्रों पर महिला कमांडो सुरक्षा देंगी।
इस संबंध में पुलिस अधिकारी का कहना है कि बस्तर के निवासी, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल मिलकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने और बस्तर की शांति, सुरक्षा और विकास के लिए जुटे हुए है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पहले चरण के मतदान के लिए 20 विधानसभा सीटों पर 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 223 उम्मीदवार हैं जिनमें 198 पुरुष तथा 25 महिला हैं। प्रथम चरण के लिए 40 लाख 78 हजार 681 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 19 लाख 93 हजार 937 पुरुष मतदाता, 20 लाख 84 हजार 675 महिला मतदाता तथा 69 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।
मिजोरम में सात नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान रविवार शाम चार बजे समाप्त हो गया और इस पूरे एक महीने की अवधि के दौरान कानून व्यवस्था की कोई समस्या सामने नहीं आयी। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल लियानजेला ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब मतदान संपन्न होने तक, राजनीतिक दलों द्वारा किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार, जनसभा, संवाददाता सम्मेलन करने, साक्षात्कार देने, मीडिया में परिचर्चा करने पर कड़ी पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 1,276 मतदान केंद्रों में 149 सुदूर मतदान केंद्र हैं, जबकि अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के करीब 30 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे राज्य में तथा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है क्योंकि म्यांमा के साथ 510 किलोमीटर, और बांग्लादेश से लगी 318 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा खुली हुई है।
अधिकारी ने बताया कि कम से कम 3,000 पुलिस कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 5,400 कर्मियों को चुनावों के लिए तैनात किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और किरेन रिजिजू ने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वन्लालहमुआका ने कहा कि पार्टी छह से आठ सीट जीतेगी। कांग्रेस नेताओं– राहुल गांधी, जयराम रमेश और शशि थरूर ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार किया। मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात नवंबर को मतदान होने के बाद, तीन दिसंबर को मतगणना होगी। राज्य में 8.57 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें 4,39,026 महिलाएं हैं। कुल 174 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।