रुद्रपुर। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड के खटीमा में भारत-नेपाल की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा का नो मेंस लैंड एरिया (निर्जन क्षेत्र) अतिक्रमण की जद में हैं। नेपाल की तरफ से इस क्षेत्र में खेती व अन्य अतिक्रमण से देश की सुरक्षा व्यवस्था को खतरा हो सकता है।
खटीमा के नगरा तराई, मेलाघाट समेत कई गांवों से कई किलोमीटर आगे तक भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय खुली सीमा से पहले विशाल जंगल निर्जन क्षेत्र में आता है, लेकिन अब इस निर्जन क्षेत्र पर नियमों का उल्लंघन कर नेपाल की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा है। नेपाल के कंचनभोज, बाबाथान आदि गांवों के लोग निर्जन क्षेत्र पर खेती कर रहे हैं।
कुछ लोगों ने यहां अस्थायी झोपड़ियां तक बना ली है। जानकारी के मुताबिक, सीमा से सटे नेपाल के गांव सुंदरनगर में मधेशी जाति के लोग सबसे अधिक खेती कर रहे हैं। यह समस्या आने वाले समय में भारत और नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद का विषय बन सकती है।
एसडीएम रवींद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि सीमा पर अतिक्रमण के खिलाफ जल्द अभियान चलाया जाएगा। प्रशासन, वन विभाग, एसएसबी और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम गठित की जा रही है।