देहरादून। जिम कॉर्बेट पार्क से राजाजी पार्क में लाई गई नई बाघिन अब यहां अपना इलाका सुरक्षित करने में लग गई है। मोतीचूर से बेरीवाड़ा रेंज तक बाघिन की चहलकदमी देखी गई है। बाघिन यहां से आगे नहीं बढ़ी और इसी क्षेत्र में घूम रही है। माना जा रहा है कि अब यह इसी पश्चिमी छोर के जंगलों को अपना इलाका बनाएगी।
बाघिन की गतिविधि पर पार्क प्रशासन के विशेषज्ञ 24 घंटे नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा सेटेलाइट कॉलर और ट्रैप कैमरा से भी बाघिन की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। दरअसल राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए जिम कॉर्बेट पार्क से तीन बाघिन और दो बाघ लाने की योजना बनी थी। एक बाघ और एक बाघिन पहले ही यहां लाए जा चुके थे। बीती 16 मई को दूसरी बाघिन लाई गई थी। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद 20 मई को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उसे बाड़े से आजाद करते हुए मोतीचूर रेंज में छोड़ा था।
इसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गले में सैटेलाइट कॉलर बांधा गया है। जिससे पता चला है कि बाघिन मोतीचूर से बेरीवाड़ा रेंज के जंगल में चहलकदमी कर रही हैं। वह कई दिनों से इससे आगे नहीं जा रही है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उसे इस इलाके से आगे दूसरी बाघिन की गंध आ गई है। ऐसे में अब वह इसी पश्चिमी छोर के जंगल को अपना इलाका बनाएगी और प्रजनन के लिए बाघ के संपर्क में आएगी।
पार्क प्रशासन के अनुसार बाघिन की निगरानी के लिए 10 कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह दो शिफ्टों में बारी-बारी से दिन और रात में गश्त करते हैं। इसके अलावा एक वेटनरी डॉक्टर भी उसकी गतिविधि पर नजर रखे हैं। समय-समय पर उसके मल आदि की जांच भी की जा रही है। ताकि, उसके स्वास्थ्य की जानकारी मिल सके।
राजाजी पार्क में पहले छोड़े गए बाघ और बाघिन भी बेरीवाड़ रेंज के आसपास ही जंगल में रहते हैं। ऐसे में अब यहां प्रजनन के लिए एक बाघ और दो बाघिन हो जाएंगी। माना जा रहा है कि बाघों के कुनबे में जल्द ही बढ़ोतरी होगी।
नई बाघिन की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। पश्चिमी छोर के इस जंगल में बाघों के रहने के लिए शिकार और जलाशयों की अच्छी स्थिति है।
– साकेत बडोला, डायरेक्टर राजाजी पार्क