विकासनगर। पर्यटकों से भरी एक कार 200 मीटर गहरी खाई में गिरने से एक महिला समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। गाजियाबाद व दिल्ली के पर्यटकों की कार विकासनगर से चकराता जा रही थी। हादसा साहिया से तीन किलोमीटर पहले हुआ। घटना शुक्रवार रात साढ़े 11 बजे की है। वहीं, पुलिस को सात घंटे बाद दुर्घटना की सूचना मिलने पर बचाव अभियान शुरू किया गया।
शनिवार की सुबह लगभग पौने सात बजे कंट्रोल रूम के माध्यम से कालसी पुलिस को सूचना मिली कि साहिया से तीन किलोमीटर पहले एक कार खाई में गिर गई है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने बचाव अभियान चलाकर खाई से मृतकों व घायल को बाहर निकाला।
थाना प्रभारी रविंद्र नेगी ने बताया कि दुर्घटना में मरने वालों की शिनाख्त ऋषभ जैन (27) पुत्र अतुल जैन निवासी पंचवटी कॉलोनी, गाजियाबाद, सूरज कश्यप (27) पुत्र जयपाल निवासी ग्राम दुहाई, गाजियाबाद व लवलीना वर्मा (40) पत्नी निशांत वर्मा निवासी छोटा बाजार शाहदरा, दिल्ली के रूप में हुई है। इसके अलावा घायल व्यक्ति ज्ञानेंद्र सैनी (48) पुत्र नरपत सिंह निवासी मालीवाला, गाजियाबाद है।
घायल ज्ञानेंद्र सैनी ने बताया कि वह वीकेंड पर घूमने के लिए चकराता आए थे। लेकिन चकराता जाते समय रास्ते में दुर्घटना हो गई। घटना शुक्रवार की रात साढ़े 11 बजे की है। सुबह किसी वाहन चालक के सूचना देने पर पुलिस व एसडीआरएफ ने मौके पर पहुंचकर शवों को खाई से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।
इसके अलावा घायल को पहले उप जिला अस्पताल विकासनगर लाया गया। जहां उपचार देकर उसे हायर सेंटर के लिए देहरादून रेफर कर दिया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। कार के खाई में गिरने की घटना में एक बार फिर से सरकारी तंत्र की असफलता सामने आई है।
रात साढ़े 11 बजे कार के खाई में गिरने से लेकर सुबह साढ़े सात बजे तक एक घायल को मौत का शिकार हो चुके अपने तीन साथियों की लाश के साथ बैठकर मदद का इंतजार करना पड़ा। शनिवार की सुबह लगभग पौने सात बजे एक वाहन चालक को साहिया मार्ग पर स्थित दुर्घटनास्थल पर किसी वाहन के टायर के निशान दिखाई दिए।
उसे यह समझने में देर नहीं लगी कि यहां कोई न कोई हादसा हुआ है। उसने अपना वाहन सड़क किनारे लगाया और मोबाइल का कैमरा ऑन करके खाई में उतरना शुरू किया। वीडियो को देखने व उसमें आ रही कैमरा चलाने वाले की आवाज से अंदाजा होता है कि उसे जल्दी ही खाई में गिरी कार व इधर उधर बिखरे शव दिखाई देने लगे।
इसी बीच उसका कैमरा मृतक महिला के ठीक पास बैठे घायल ज्ञानेंद्र पर रुका। ज्ञानेंद्र ने दुर्घटना की पूरी दास्तान सुनाई। वीडियो से यह स्पष्ट है कि घटना के सात घंटे बाद घायल को मदद मिल सकी। यदि दुर्घटना के तुरंत बाद मदद मिलती तो हो सकता है मृतकों में से किसी को बचाया जा सकता था। कालसी थाना प्रभारी रविंद्र नेगी का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सूचनाओं के आदान-प्रदान में व्यवहारिक समस्या रहती है। लेकिन सूचना मिलने के बाद पुलिस व एसडीआरएफ तुरंत मौके पर पहुंच गई थी।