
देहरादून। प्रदेश का वन महकमा वनाग्नि से संबंधित आंकड़े छुपा रहा है या गलत जानकारी आगे प्रेषित कर रहा है। इसके अलावा भरपूर बजट होने के बाद भी अग्निशमन उपकरणों की खरीद में कोताही बरती गई है। इतना ही नहीं वन विभाग रिमोर्ट सेंसिंग और जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से प्राप्त आंकड़ों का भी सही से प्रयोग नहीं कर पा रहा है।
वर्ष 2018-20 के बीच वनाग्नि से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण और जांच के बाद कैग ने अपनी रिपोर्ट में इन तथ्यों को उजागर किया है। कैग ने अपनी जांच में पाया कि अप्रैल 2020 में अल्मोड़ा और बागेश्वर जैसे उच्च संवेदनशील प्रभागों में आग बुझाने के लिए वन कर्मियों के पास आवश्यक उपकरणों का अभाव था।
कैग ने पाया कि बागेश्वर प्रभाग के पांच क्रू स्टेशनों और अल्मोड़ा प्रभाग के दो क्रू स्टेशनों में आग बुझाने के काम में लगे कर्मचारियों के पास अग्नि प्रतिरोधी वर्दी, जूते और टार्च तक नहीं थे। इसके अलावा दोनों वन प्रभागों ने वर्ष 2017-18 में कोई भी अग्निशमन व सुरक्षा उपकरण नहीं खरीदे गए थे।
कैग ने पाया कि वन विभाग ने वनाग्नि का फीडबैक भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) के साथ साझा करने में कोताही बरती है, जबकि तमाम दूसरे राज्य लगातार वनाग्नि से संबंधित फीडबैक एफएसआई के साथ साझा करते रहे हैं। विभाग ने वर्ष 2018-19 और 20 तीन वर्षों में केवल वर्ष 2018 का फीडबैक एफएसआई के साथ साझा किया। वन विभाग की ओर से तर्क दिया गया है कि विभिन्न वन प्रभाग ‘फॉरेस्ट फायर रिपोर्ट मैंनेजमेंट सिस्टम’ (एफएफआरएमएस) ऑनलाइन पोर्टल पर फीडबैक देते हैं, जिसे वनाग्नि काल के अंत में एफएसआई को साझा किया जाता है।
एफएसआई की चेतावनी को किया नजर अंदाज
कैग ने पाया कि एफएसआई की ओर से वनाग्नि से संबंधित जारी चेतावनियों में वन विभाग ने मात्र चार से 11 प्रतिशत मामलों में वनाग्नि की बात स्वीकार की। वन विभाग का कहना था कि एफएसआई की ओर से जारी अन्य चेतावनियों में वह भी शामिल होती हैं, जो वन क्षेत्रों से बाहर कहीं भी लगी हो, या फिर फॉयर कंट्रोल लाइनें बनाते समय लगाई गई आग भी इसमें शामिल कर ली जाती है। कैग ने सत्यता जांचने के लिए 30 ऐसे रैंडम प्रकरणों की जांच की, जहां विभाग की ओर से जंगल के बाहरी क्षेत्र में आग लगना बताया गया था। इस जांच में 30 में से 19 मामले आरक्षित वन क्षेत्र के ही पाए गए। मतलब प्रभागों ने अपने क्षेत्राधिकार में होनी वाली आग को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी से बचने के लिए गलत फीडबैक दिया था।