देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित मार्ग पर यातायात एक साथ नहीं चलाया जाएगा। यहां से एक-एक कर वाहनों को भेजा जाएगा ताकि क्षतिग्रस्त मार्ग पर दबाव न पड़े। इस व्यवस्था के लिए शहर के दोनों ओर चेक पोस्ट और अस्थायी पार्किंग बनाई जाएगी। दबाव बढ़ने पर लोग अपने वाहनों को वहां पार्क भी कर सकेंगे।
चारधाम में से एक प्रमुख धाम बदरीनाथ जाने के लिए जोशीमठ से गुजरना होता है। इसके अलावा कोई अन्य मार्ग इस धाम तक पहुंचने के लिए नहीं है। बीते दिनों जोशीमठ में आई दरारों ने शहर के बीचोंबीच प्रमुख मार्ग को भी प्रभावित किया है। बड़ी-बड़ी दरारें आने से मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। हालांकि, पिछले दिनों इन दरारों को अस्थायी तौर पर भरा भी गया है। लेकिन, माना जा रहा है कि यह मार्ग अभी भारी यातायात का दबाव नहीं झेल सकता है। लेकिन, वैकल्पिक मार्ग न होने के कारण इसी का इस्तेमाल करना मजबूरी है।
ऐसे में पुलिस ने यातायात के मद्देनजर तैयारियां भी की हैं। आईजी गढ़वाल रेंज करन सिंह नगन्याल ने बताया कि इसके लिए एक तरफ मारवाड़ी और दूसरी ओर जहां मुख्य मार्ग खत्म होता है, वहां ट्रैफिक चेक पोस्ट बनाई जाएगी। यहां वाहनों रोका जाएगा। इसके बाद एक-एक कर वाहनों को जोशीमठ से गुजारा जाएगा ताकि मार्ग पर अत्यधिक दबाव न पड़े। ये दोनों जगहें ऐसी हैं, जहां बड़े मैदान भी हैं।
लिहाजा, इन्हें अस्थायी पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा ताकि लोग वाहनों को पार्क कर अपनी बारी का इंतजार कर सकें। आईजी ने बताया कि भीढ़ ज्यादा बढ़ती है तो एकल मार्ग भी बनाया जा सकता है। यानी एक तरफ ही ट्रैफिक बारी-बारी से चलाया जाएगा। यह समय और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
चारधाम यात्रा के दौरान अगर रूट डायवर्ट होगा तो तत्काल इसकी जानकारी गूगल मैप पर मिल जाएगी। गूगल मैप पर देखकर यात्री दूसरे मार्ग से जा सकेंगे। इसके लिए शुक्रवार को यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन ने गूगल मैप के अधिकारियों के साथ बैठक की। तय किया गया कि किस तरह पल-पल की जानकारी गूगल मैप पर साझा की जाएगी।
यातायात निदेशक ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग को मलबा आने, हादसा होने या मौसम खराब होने की दशा में डायवर्ट किया जाता है। कई बार इसकी जानकारी यात्रियों को देरी से मिलती है। ऐसे में यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गूगल मैप के अधिकारियों के साथ मिलकर एक कार्ययोजना तैयार की गई है। निदेशक ने बताया कि किसी भी बाधा की जानकारी सबसे पहले पुलिस को मिलती है। इसके लिए यात्रा मार्ग पर तैनात पुलिसकर्मियों को व्हॉट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा।
ये कर्मचारी किसी भी बाधा के वक्त इसकी जानकारी यातायात निदेशालय को देंगे। यह जानकारी तत्काल गूगल मैप की टीम को भेजी जाएगी। लोकेशन के साथ इस जगह को अपलोड किया जाएगा। इसके बाद गूगल मैप पर वैकल्पिक मार्ग की जानकारी भी अपलोड की जाएगी ताकि लोग रास्ते को बदल सकें। गूगल मैप की टीम ने शुक्रवार को यातायात निदेशालय में एक डेमो भी दिया। यातायात निदेशक ने बताया कि डेमो में सब कुछ ठीक रहा है। जल्द ही इसका प्रयोग किया जाएगा।