देहरादून। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राजनीति ऐसी चीज नहीं है जहां दो दुनी चार ही है। वहां दो दुनी पांच और दो दुनी तीन भी हो सकता है। महाराष्ट्र में जो हुआ, ऐसा नहीं है कि केवल वहीं हुआ, कई प्रदेशों में भी ऐसा हुआ है। उद्धव ठाकरे के बारे में उन्होंने कहा कि वह विवेक से काम करते हैं और संत आदमी हैं। राजनीति में फंस गए।
कोश्यारी ने यह बात एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा कि उन्हें तीन साल एक महीने महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश में रहने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा थी। मैं देवभूमि से संतों के प्रदेश पहुंचा। यह मेरा सौभाग्य था।
कोश्यारी ने कहा कि महाराष्ट्र में जनमत संग्रह करा लें, मुझे चाहने वाले लोग ज्यादा मिल जाएंगे। महाराष्ट्र के राज्यपाल रहते हुए सबसे अधिक विवाद में रहने के सवाल पर कोश्यारी ने कहा कि मैं राजनीति में नहीं रहूंगा। बहुत से लोग नहीं रहेंगे। लेकिन जो चिंतक हैं, वे अवश्य सोचेंगे कि एक रात में ऐसा कैसे हुआ?
महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी की रातोंरात सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि कभी-कभी तो एक पल में भूकंप आ जाता है। उन्होंने साफ किया कि क्या होता है जब एक बड़े दल का नेता आता है। सहयोगी दल का नेता कहता है कि हम इनके साथ हैं। ये दस्तखत हैं। अजीत पवार कोई छोटा नेता नहीं हैं। मैंने उन्हें समय दिया, बहुमत सिद्ध करो। हो सकता है समय ज्यादा रहा होगा, कोर्ट ने कहा कम करो।
विवादित बयानों पर कोश्यारी ने कहा कि हो सकता है मेरा बयान समीचीन नहीं रहा। गृह मंत्री का उस बयान आ गया कि संयम बरतना चाहिए। लेकिन बाद के विवाद में भाजपा के किनारा करने और उन पर दबाव होने के सवाल पर कोश्यारी ने कहा कि भगत सिंह पर कभी कोई दबाव देखा। उन्होंने कहा कि मैं भी परफेक्ट नहीं हूं।