देहरादून। कोतवाली पटेलनगर की पुलिस ने गोवंशी पशु की हत्या में तीन हिस्ट्रीशीटर समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया। इन आरोपितों पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की है। आरोपितों के विरुद्ध पटेलनगर कोतवाली, वसंत विहार थाना के साथ ही उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर, गुंडा एक्ट सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। पूर्व में भी अवैध मांस की बिक्री, पशु क्रूरता में आरोपित जेल जा चुके हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र में गोवंशी पशु की हत्या की सूचना मिली थी। मुखबिर ने जानकारी दी कि जिन व्यक्तियों ने तीन दिन पहले ग्राम हरभजवाला में आसन नदी के पास गोवंशी पशु की हत्या की थी, वे गुरुवार को मेहूंवाला की ओर गए हैं। उनके दो और साथी भी वहीं घूम रहे हैं। आरोपित क्षेत्र में घूमने वाले लावारिस गोवंशी पशु की तलाश करते हैं और वाहन में भरकर जंगल में ले जाकर हत्या कर देते हैं।
सूचना पर पुलिस टीम रवाना हुई और तेलपुर चौक पर मुखबिर के बताए हुलिये के आधार पर बाइक सवार दो व्यक्तियों को दबोच लिया। आरोपितों ने अपनी पहचान रहमान निवासी ग्राम गंदेवडा, सहारनपुर और फरमान निवासी चांदपुर, बिजनौर उत्तर प्रदेश बताई। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे प्रेमनगर के पास चाय बागान में घूमने वाले गोवंशी पशु की तलाश कर रहे हैं। उनके चार साथी कार लेकर गोरखपुर से चाय बागान की ओर जाने वाले कच्चे रास्ते पर खड़े हैं।
पुलिस ने मौके से चार अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया। जिनकी पहचान वकील उर्फ छोटा, कलीम, तस्लीम व वजीर निवासी ग्राम गंदेवडा, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई। कार की तलाशी में उत्तराखंड नंबर की प्लेट, खून से सनी नायलान की रस्सी, तीन चाकू, एक पाठल बरामद हुए। पटेलनगर कोतवाल सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि 28 जनवरी की रात्रि भी उन्होंने अपने दो साथियों शमीम व राशिद के साथ मिलकर हरभजवाला में आसन नदी के किनारे गोवंशी पशु की हत्या की थी। इस दौरान ग्रामीण मौके पर पहुंच गए थे। इस पर वह कटे हुए चार गोवंशी को छोड़कर फरार हो गए थे।
ग्रामीणों ने पत्थर व लाठी से हमला कर कार के शीशे तोड़ दिए थे, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। आरोपितों की कार की नंबर प्लेट टूट गई थी, इसलिए उन्होंने हरियाणा की नंबर प्लेट लगाई। दोनों नंबर प्लेट फर्जी हैं। आरोपितों ने बताया कि दो माह पूर्व दो बार प्रेमनगर के पास चाय बागान में भी उन्होंने गोवंशी की हत्या की थी। एसएसपी ने बताया कि आरोपितों पर गैंगस्टर लगाने की कार्रवाई भी की जा रही है।
शंकरपुर हुकुमतपुर में एक मकान पर पाकिस्तान से मिलता जुलता झंडा लहराने का वीडियो प्रसारित होने पर पुलिस व खुफिया विभाग में हड़कंप मच गया। सहसपुर थाने की पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंच मकान पर लगे झंडे को उतार दिया। जिस मकान पर यह झंडा लगा हुआ था उसका मालिक गोवंश की हत्या के मामले में नवंबर से फरार है।
किसी शरारती तत्व ने मजार पर लगने वाले झंडे को उसके मकान पर लगा दिया। पुलिस उस व्यक्ति का पता लगा रही है जिसने इस झंडे को लगाया है। शंकरपुर हुकुमतपुर में जूली नामक व्यक्ति के मकान पर किसी शरारती तत्व ने पाकिस्तान से मिलता जुलता झंडा लगाया और झंडा का वीडियो प्रसारित कर कहा कि मकान पर पाकिस्तान का झंडा लहरा रहा है। जैसे ही यह मामला थानाध्यक्ष सहसपुर के संज्ञान में आया तो पुलिस में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और झंडा उतरवाया। जांच करने पर पता चला कि इस तरह का झंडा मजार पर लगाया जाता है, क्योंकि पाक के झंडे का आधा हिस्सा सफेद व आधा हरा होता है। उसके बाद चांद-तारा रहता है, लेकिन यह झंडा पूरी तरह से हरे रंग का था। उधर, सहसपुर थानाध्यक्ष गिरीश नेगी के अनुसार झंडे को उतार दिया गया है। झंडा पाकिस्तान का नहीं, बल्कि मजार पर लगाने वाला है। जिसके मकान पर यह झंडा लगाया गया था उसके खिलाफ नवंबर 2022 में मुकदमा दर्ज किया गया है। तभी से आरोपित जूली मूल निवासी लखीमपुर खीरी फरार है। इस झंडे को किसी शरारती तत्व ने हाल ही में लगाया है।