देहरादून। जोशीमठ की तलहटी पर हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण सरकार के लिए चुनौती बन गया है। चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत निर्माणाधीन सड़क को सरकार जल्द से जल्द बनवानी चाहती है। वैज्ञानिक संस्थाओं की जांच के अलावा अब सरकार ने तीन संस्थाओं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई), आईआईटी रुड़की और टीएचडीसी की एक कमेटी बनाई है, जो एक सप्ताह में बाईपास के निर्माण को लेकर अपनी रिपोर्ट सोंपेगी।
जोशीमठ में बाईपास निर्माण के विरोध के बीच राजधानी में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने सरकार की मनसा स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण होना सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं तो उनकी अपनी शंकाएं हैं।
किसी को लगता है कि इससे उनका रोजगार छीन जाएगा तो किसी को लगता है कि इसके निर्माण के दौरान जोशीमठ में भूधंसाव और बढ़ सकता है। जबकि वैज्ञानिक इन सब बातों की अपने-अपने स्तर से जांच कर रहे हैं। इसके अलावा तीन और तकनीकी संस्थाओं की एक कमेटी बनाई गई है, जो अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट सरकार को देगी।
कमेटी से एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। सरकार का कहना है कि सड़क का निर्माण सामरिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, इसके बनने से लोगों का समय बचेगा और ईंधन की खपत भी कम होगी। उन्होंने कहा बीआरओ के अनुसार, सड़क के निर्माण में ढाई साल का वक्त लग सकता है, लेकिन इस समय को और कम कैसे किया जाए, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
इसके अलावा शुक्रवार को बीआरओ के अधिकारियों की टीम ने भी सड़क के दोनों छोर (हेलंग और मारवाड़ी) में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया। बीआरओ के चीफ इंजीनियर कर्नल पीएस जोशी ने बताया कि आज वह खुद मौके पर पहुंचे थे, सड़क निर्माण की हर संभावना पर विचार किया जा रहा है। अन्य तकनीकी संस्थाएं भी सर्वेक्षण का काम कर रही हैं, शीघ्र ही इस संबंध में कोई ठोस फैसला लिया जाएगा।