भगवान का अपना देश कहे जाने वाले केरल की खूबसूरती इस दुनिया में सबसे निराली है। यहाँ का प्रसिद्ध हिल स्टेशन मुन्नार देशी ही नहीं विदेशी सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यह सही है कि कश्मीर की खूबसूरती की चर्चा दुनिया भर में होती है लेकिन अगर आप एक बार यहाँ आएंगे तो कहेंगे कि यह जगह कश्मीर से बढ़कर नहीं तो उससे कम भी नहीं है। यहाँ की एक और खासियत यह है कि आप भले यहाँ तीन या चार दिन का कार्यक्रम बना कर आये हों लेकिन यहाँ से जाने का मन नहीं करता और अकसर पर्यटक अपना स्टे यहाँ बढ़ा लेते हैं।
समुद्रतल से 1,700 मीटर ऊँचाई पर स्थित मुन्नार का दक्षिणी−पश्चिमी मैदानी इलाका तरंगों जैसा लगता है। मुन्नार को चाय के बागानों का शहर भी कहा जाता है। यहां आपको बड़ी संख्या में चाय के बागान देखने को मिलेंगे। मुन्नार की देखने लायक जगहों की बात करें तो इनमें- राजमाला, चितीरापुरम और इकोपाइंट प्रमुख हैं। मट्टुपेटी बांध भी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। मुन्नार की असली सुंदरता पोतैमेदु में है, जो एक महत्वपूर्ण बागान है। यहाँ की झीलें और घने जंगल यहां की खूबसूरती में तो चार चांद लगाते ही हैं साथ ही आपका मन मोहने की क्षमता भी रखते हैं। मुन्नार पहाड़ों से तीन तरफ यानी मुद्रापजा, नल्लतनी और कंडाला से घिरा है। किसी समय मुन्नार ब्रिटिश सरकार का दक्षिणी भारत का गर्मियों का रिजॉर्ट हुआ करता था।
मुन्नार के पास ही स्थित है चाय का संग्रहालय जोकि टाटा टी संग्रहालय के नाम से मशहूर है यहां आपको कई दुर्लभ कलाकृतियां, चित्र और मशीनें देखने को मिलेंगी जो चाय के बागानों की उत्पत्ति और विकास के बारे में बताती हैं। कई प्रकार की चाय पत्तियां भी यहां मौजूद हैं जिन्हें चाहे तो खरीद भी सकते हैं।
वैसे तो मुन्नार के आसपास कई झरने हैं लेकिन अधिकतर पर्यटक पल्लिवासल और चिन्नाकनाल को देखना पसंद करते हैं। पल्लिवासल पावर हाऊस वाटरफाल्स के नाम से भी प्रसिद्ध है। मुन्नार से 15 किमी की दूरी पर स्थित है इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान जोकि मशहूर पर्यटक स्थल है। ये उद्यान लुप्तप्राय जीव नीलगिरी टार के संरक्षण के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान कई तितलियों, जानवरों और पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों का बसेरा है। यहां आकर आप ट्रैकिंग करने का आनंद भी उठा सकते हैं। नीलकुंरजी फूल इसी उद्यान में पाया जाता है जिसके खिलने से लगता है जैसे पहाड़ियां नीली चादर से ढंक गई हों साथ ही यहां घुमावदार पर्वतों पर पड़ने वाली धुंध की चादर बहुत ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। अनामुडी शिखर भी इसी उद्यान में स्थित है, ये शिखर दक्षिण भारत का सबसे ऊंचा शिखर है जिसकी ऊंचाई 2700 मीटर से भी ज्यादा है।
कैसे पहुँचें
मुन्नार के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग तीनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुन्नार के लिए सबसे नजदीक हवाई अड्डा कोच्चि और मदुरै है, जो 142 किलोमीटर की दूरी पर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन कोच्यो और कोट्टायम हैं, जहां से मुन्नार के लिए ट्रेन जाती रहती है। मुन्नार जाने के लिए सड़क से पहुंच सकते हैं। लोकल बस और कैब आपको आसानी से शहर में मिल जाएंगी।