जोशीमठ (चमोली)। बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब का गेटवे कही जाने वाली आदि शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ की भूमि लगातार धंस रही है। अब तक दरार वाले भवनों की संख्या 723 पहुंच गई है। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। आज इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी।
भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ से अलग-अलग जांच दलों की रिपोर्ट आ जाने के बाद ही राज्य सरकार केंद्र को राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजेगी। तब तक सरकार रिपोर्ट आने का इंतजार करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से अनुरोध किया गया है ताकि जल्द से जल्द भू धंसाव के कारण पता चल सकें।
एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) उत्तराखंड की चार सदस्यीय टीम भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ का अध्ययन करने जाएगी। टीम जोशीमठ में जमीन धंसने के कारणों को ढूंढने के साथ ही समाधान के तरीके ढूंढेगी। सरकार के निर्देश पर विभिन्न संस्थाओं की टीम जोशीमठ का सर्वेक्षण कर रही है। वहीं, एनआईटी उत्तराखंड अपने स्तर पर चार इंजीनियरों को जोशीमठ भेज रही है। टीम बुधवार को जोशीमठ के लिए रवाना होगी।
टीम का नेतृत्व सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. क्रांति जैन कर रहे हैं। उनके साथ ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग के डॉ. आदित्य कुमार अनुपम और जियोटेक्नीक इंजीनियरिंग के डॉ. विकास प्रताप सिंह व डॉ. शशांक बत्रा शामिल हैं। प्रभावित 723 परिवारों को डेढ़ लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह अंतरिम सहायता के रूप मे प्रत्येक परिवार को दिया जाएगा। इसके अलावा दो होटल को ही डिसमेंटल किया जाएगा। ऐसे में अब अन्य मकानों को नहीं ढहाया जाएगा। प्रशासन के साथ बैठक का दौर जारी है।
जोशीमठ भू-धंसाव और वहां अभी तक के हालात की कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने समीक्षा की। राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनएमसी) की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु से राहत एवं बचाव के लिए चल रहे कार्यों का ब्योरा लिया। उन्होंने प्रभावित जगहों से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
आपदा अधिनियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो आसपास के आवासीय भवनों और हाईवे को क्षति पहुंच सकती है। साथ ही बिजली और पेयजल की लाइनों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
– हिमांशु खुराना, जिलाधिकारी, चमोली