देहरादून। लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव रहे आईपी सिंह पर मुकदमा दर्ज करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सचिवालय संघ सहित तमाम कर्मचारी संगठन इस मामले में एक-दो दिन में बड़ा निर्णय ले सकते हैं।
कर्मचारी संगठनों को कहना है कि डिजिटल साइनिंग अथॉरिटी बेहद संवेदनशील उपकरण होता है, फिर मंत्री की बिना अनुमति इसे कोई कैसे इस्तेमाल कर सकता है। मंगलवार को इस संबंध में लोनिवि संयुक्त कर्मचारी महासंघ की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा के साथ आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। अध्यक्ष रमेश चंद्र माहरा और महामंत्री सुरेंद्र प्रसाद बछेती ने बताया कि इस मुद्दे को मुख्य सचिव के साथ ही मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।
प्रकरण में विभागाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किए गए अयाज अहमद की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई डीपीसी के बाद ही शासन स्तर पर निर्णय लिया गया था। फाइल अनुमोदन के लिए विभागीय मंत्री के पास भी गई थी। अब मंत्री इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं।
वहीं, मिनिस्टीरियल एसोसिएशन अभियंता संवर्ग, लोनिवि ने भी प्रमुख अभियंता अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का विरोध किया है। इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मुकदमा खारिज करने की मांग की गई। प्रांतीय अध्यक्ष महावीर तोमर और महासचिव केदार सिंह ने बताया कि शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलेगा।
वहीं, सचिवालय संघ ने मंत्री के तत्कालीन निजी सचिव आईपी सिंह पर दर्ज हुए मुकदमे का विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि सचिवालय प्रशासन विभाग की ओर से की गई प्रारंभिक जांच में कोई तथ्य न पाते हुए संबंधित निजी सचिव को दोषमुक्त किया जा चुका है।