देहरादून। दिल्ली के श्रद्धा वाकर और मथुरा में आयुषी हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध उत्तराखंड की शांत वादियों में भी हुए थे। हम आपको ऐसी ही तीन घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जिसने सबको झकझोर कर रख दिया था। यहां भी टुकड़ों में शरीर मिले थे। देहरादून में जहां अनुपमा गुलाटी हत्याकांड ने सबको हिलाकर रख दिया वहीं, एक मां की खौफनाक करतूत ने सबकी रूह कंपा दी। उधर, रुड़की में एक युवती लाश जब सूटकेस में मिली तो उस घटना ने सबको चौंका दिया। चलिए जानते हैं इन घटनाओं के बारे में…
वर्ष 2010 में दून की शांत वादियों में प्रेम विवाह का ऐसा अंजाम हुआ कि हर सुनने और देखने वाले की रूह कांप गई। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने झगड़ा होने के बाद अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद शव के 72 टुकड़े कर दिए थे। अनुपमा अपने पति राजेश गुलाटी के साथ देहरादून के कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में रहती थीं। 17 अक्तूबर 2010 को घर में ही पत्नी की हत्या करने के बाद राजेश ने स्टोन कटर और आरी से शव के 72 टुकड़े किए थे। इसके बाद उन्हें डीप फ्रीजर में छिपा दिया था। शव को ठिकाने लगाने के लिए वह रोजाना एक टुकड़ा काली थैली में डालकर ले जाता था।
इसके बाद वह मसूरी रोड पर जंगल में उन टुकड़ों को फेंकता था। वह अपने दोनों बच्चों को बताता था कि मां दिल्ली गई हैं और कुछ दिन में आ जाएगी। अनुपमा के भाई सिद्धांत प्रधान के दून आने पर इसका खुलासा हुआ था। एक सितंबर 2017 को इस मामले में कोर्ट का फैसला आया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पंचम विनोद कुमार की अदालत ने राजेश गुलाटी को सजा सुनाई गई। अदालत में जज विनोद कुमार के सामने शासकीय अधिवक्ता बीडी रतूड़ी और बचाव पक्ष के अधिवक्ता उत्कर्ष उपस्थित हुए। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी तरफ से दलील दी। कोर्ट ने इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट मानते हुए राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता बीडी रतूड़ी ने बताया कि वर्तमान में उसकी जमानत अर्जी हाईकोर्ट में पेंडिंग है।
06 फरवरी 2018 को देहरादून में हुए मर्डर ने हर किसी के मन में खौफ भर दिया। इतना ही नहीं इस घटना ने पुलिस अधिकारियों को भी हिलाकर रख दिया। इस हत्याकांड ने मां की ममता को भी तार-तार कर दिया। अक्सर दोनों मां-बेटी में किसी ना किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता था। घटना वाली रात 6 फरवरी को रात करीब 10 बजे मीनू का प्राप्ति से झगड़ा हुआ। इसके बाद वह प्राप्ति के सोने का इंतजार करने लगी। डेढ़ बजे के करीब सोते समय प्राप्ति की कनपटी पर ईंट से प्रहार किए। वो बेहोश हो गई तो खुखरी से उसकी गर्दन काटने की कोशिश की। सौतेली मां यहीं नहीं रुकी, इसके बाद वो लाश को खींचकर बाथरूम में ले गई और खुखरी से सवा चार घंटे तक उसकी लाश काटती रही।
आठ फरवरी को मीनू कौर ने पटेलनगर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी कि सात फरवरी की सुबह वह बेटी प्राप्ति सिंह को दिल्ली के लिए आईएसबीटी पर बस में बैठाकर गई थी। रास्ते में दो बार बात भी हुई, मगर उसके बाद से प्राप्ति सिंह का कुछ नहीं पता। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर रिश्तेदारों और पड़ोसियों से बात की तो मीनू कौर शक के दायरे में आई।
मीनू कौर को पटेलनगर थाने लाकर बातचीत की गई तो उसने पुलिस को गुमराह करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इंस्पेक्टर पटेलनगर रितेश शाह मीनू कौर को लेकर कोठी पर पहुंचे, जहां बाथरूम के पीछे बनी गैलरी में छिपाई गई प्राप्ति सिंह की लाश बरामद करा दी। प्राप्ति सिंह का शव दो टुकड़ों में था। शव को चादर में लपेटने के साथ रस्सी में बांधा गया था। मौके से ही खून से सनी ईंट, खुखरी के अलावा खून से सना तकिया आदि सामान बरामद हो गया।
यह मार्च 2022 की घटना है। रुड़की में एक प्रेमी ने प्रेमिका को जन्मदिन के बहाने कलियर के गेस्ट हाउस में बुलाया। वह अपने साथ सूटकेस भी लेकर आया था। इसके बाद वह मंगलौर के मोहल्ला लालबाड़ा निवासी रमसा अंसारी को स्कूटी से लेकर गेस्ट हाउस पहुंचा था। कुछ घंटे बाद वह सूटकेस लेकर गेस्ट हाउस से बाहर निकल रहा था।
तभी गेस्ट हाउस मालकिन ने शक होने पर मैनेजर को सूटकेस की तलाशी लेने की बात कही थी। लोगों ने युवक को पकड़कर सूटकेस खोलकर देखा तो उसमें रमसा का शव था। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया था कि दोनों के बीच आठ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह शादी का दबाव बना रहा था लेकिन रमसा के परिवार वालों ने इनकार कर दिया था। रमसा ने भी परिजनों के मर्जी के खिलाफ शादी करने से इनकार कर दिया था।