हरिद्वार। जिला सेवायोजन विभाग से सत्यापन न होने के कारण कई बेरोजगारों युवाओं के पटवारी बनने के अरमानों पर पानी फिर गया। सैकड़ों अभ्यर्थी पटवारी भर्ती के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए।
इस मामले में भाजपा पार्षद विनीत जौली ने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि सप्ताह भर से अभ्यर्थियों का सत्यापन नहीं हुआ। जिस कारण गुरुवार को लास्ट डेट तक भी वह आवेद नहीं कर सके। वहीं, सेवायोजन विभाग का दावा है कि तकनीकी कारणों से पोर्टल में दिक्कत आई है।
काफी समय से सरकारी नौकरी की आस देख रहे प्रदेश के बेरोजगारों को नौकरी का तोहफा देने के लिए सरकार ने पिछले दिनों लेखपाल व पटवारी की भर्ती निकाली थी। आवेदन के लिए अभ्यर्थियों को जिला सेवायोजन विभाग से सत्यापन कराना अनिवार्य होता है। ताकि, सरकारी आंकड़ों में उसके बेरोजगार होने की पुष्टि हो सके। जिले से बड़ी संख्या में युवाओं ने पटवारी बनने की तैयारी की।
हजारों की संख्या में अभ्यर्थी आवेदन भी कर चुके हैं, लेकिन बड़ी तादाद ऐसी है, जो सेवायोजन विभाग का सत्यापन न होने के कारण आवेदन नहीं कर सके। सेवा का अधिकार कानून के तहत तीन दिन के भीतर सत्यापन करना होता है। लेकिन कई अभ्यर्थियों ने भाजपा पार्षद विनीत जौली को बताया कि उन्होंने एक सप्ताह पहले आवेदन किया था, पर आखिरी तारीख तक सत्यापन नहीं हुआ।
पार्षद विनीत जौली ने जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय को इसमामले से अवगत कराते हुए आरोप लगाया कि हरिद्वार का सेवायोजन विभाग बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। साथ ही सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा से भी शिकायत की। जिलाधिकारी ने तत्काल इस बारे में जिला सेवायोजन अधिकारी अनुभा जैन से जानकारी लेकर जरूरी निर्देश दिए।
वहीं इस मामले में जिला सेवायोजन अधिकारी अनुभा जैन का कहना है कि बीएसएनएल इंटरनेट कनेक्शन कुछ समय के लिए बाधित हो गया था। पोर्टल का 2.0 वर्जन कल लांच हुआ है, डाटा कन्वर्जन के चलते भी साइट को रोक दिया गया था। इसलिए नए रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हुई, पुराने सभी रजिस्ट्रेशन को सत्यापित कर दिया गया था। सीएचसी सेंटरों में शायद काम न हो पाया हो।
इस वर्ष भी कुल पांच लाख 44 हज़ार 485 विद्यार्थियों ने परीक्षा में प्रतिभाग किया था। जिसमें से मात्र छह प्रतिशत छात्रों को ही असिस्टेंट प्रोफेसर व जूनियर रिसर्च फैलोशिप की उपाधि प्रदान की जाती है। यह परीक्षा कठिन होने के साथ-साथ आवेदकों की संख्या भी अधिक होने के कारण मेरिट लिस्ट में किसी का आ पाना ही बहुत मुश्किल होता है। परंतु पौड़ी गढ़वाल निवासी पूनम पांडे ने इस परीक्षा में कोई विधिवत कोचिंग ना लेने के बावजूद सफलता प्राप्त की है।