देहरादून। राज्य के निजी आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी कॉलेजों में इस बार यूजी की आधी सीटें ऑल इंडिया काउंसिलिंग से भरी जा सकती हैं। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के काउंसिलिंग बोर्ड ने निजी कॉलेजों के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद शासन को भेज दिया है।
राज्य में करीब नौ आयुर्वेदिक, तीन होम्योपैथिक, एक यूनानी निजी कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में हर साल बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस के दाखिलों के लिए आयुर्वेद विवि की ओर से ऑनलाइन काउंसिलिंग कराई जाती है। हर साल कॉलेजों की 85 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे के तहत आयुर्वेद विवि भरता है और 15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटे की सीटें अखिल भारतीय स्तर की काउंसिलिंग से भरी जाती हैं।
निजी कॉलेज लगातार मांग कर रहे हैं कि चूंकि प्रदेश में उनके पाठ्यक्रमों में आने वाले छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है। हर साल उनकी राज्य कोटे की सीटें खाली रह जाती हैं, जो कि बाद में ऑल इंडिया कोटे से भरी जाती हैं। इसलिए स्टेट कोटा और ऑल इंडिया कोटा का अनुपात 85:15 के बजाय 50:50 कर दिया जाए।
विवि के कुलपति प्रो. सुनील जोशी की अध्यक्षता में हुई काउंसिलिंग बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव आया। बोर्ड ने इसे इस आधार पर स्वीकार कर लिया है कि नियमों के हिसाब से ऑल इंडिया कोटे में कम से कम 15 प्रतिशत सीटें देने का प्रावधान है। बोर्ड की बैठक में डीन होम्योपैथिक डॉ. अजय विक्रमादित्य, डीन यूनानी प्रो. हारून अली सहित सदस्य शामिल हुए।