देहरादून। दिवाली पर हुई आतिशबाजी ने राजधानी दून के अलावा ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, हल्द्वानी और रुद्रपुर जैसे शहरों की हवा को काफी प्रदूषित कर दिया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दून समेत इन शहरों में हुई आतिशबाजी से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का आंकड़ा 200 के पार चला गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दून में जहां एक्यूआई का स्तर 247 दर्ज किया गया, वहीं ऋषिकेश में 236, हरिद्वार में 223, काशीपुर में 249, हल्द्वानी में 227 और रुद्रपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 240 तक पहुंच गया है। प्रदूषण स्तर के लिहाज से देखें तो जहां काशीपुर सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा, वहीं हल्द्वानी में सबसे कम प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों के साथ ही आम लोगों को राहत देने वाली बात यह है कि पटाखों की ऊंची कीमतों के चलते कई अन्य कारणों से राजधानी दून समेत सभी शहरों में आतिशबाजी थोड़ी कम रही, जिसके चलते पिछले दो साल की तुलना में इस बार प्रदूषण का स्तर राजधानी दून के साथ ही हरिद्वार और काशीपुर में बेहद कम रहा, जो राहत देने वाली बात है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों के साथ ही आमजन के लिए सुकून देने वाली बात यह है कि पिछले साल दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी के चलते जहां राजधानी में प्रदूषण के स्तर का आंकड़ा 327 पार कर गया था, वहीं इस साल दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी के बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स 247 दर्ज किया गया। बोर्ड के अफसरों की मानें तो साल 2020 में दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी से दून में एक्यूआई 317 दर्ज किया गया था।
हरिद्वार में साल 2020 में एक्यूआई 352 और साल 2021 में 321 तक पहुंच गया था, जबकि इस साल एयर क्वालिटी इंडेक्स मात्र 223 दर्ज किया गया। काशीपुर शहर में साल 2020 में दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स 314 दर्ज किया गया था, जबकि साल 2021 में 263 और इस साल 249 दर्ज किया गया है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रदूषण स्तर को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए, उससे साबित होता है कि इस साल दिवाली पर दून के साथ ही ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर समेत ज्यादातर शहरों में थोड़ी कम आतिशबाजी की गई। प्रदूषण को लेकर लोग थोड़ा जागरूक होने लगे हैं। हालांकि, अभी भी प्रदूषण को लेकर आमजन को और अधिक जागरूक होने की जरूरत है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें, तो दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली पर हुई आतिशबाजी और मुख्य पर्व पर हुई आतिशबाजी से ज्यादातर शहरों में प्रदूषण का स्तर औसतन दोगुने पर पहुुंच गया। दिवाली से एक दिन पहले जहां दून में एक्यूआई 136 था, वहीं सोमवार को 247 दर्ज किया गया। ऋषिकेश में 122 और 236 दर्ज किया गया। हरिद्वार में एक्यूआई 188 था, जबकि दिवाली के दिन 223 पर पहुंच गया। काशीपुर में एक दिन पहले एक्यूआई 125 था, जो दिवाली के दिन 249, रुद्रपुर में 120 की जगह 240 एक्यूआई पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, शून्य लेकर 50 एक्यूआई स्तर को सेहत के लिए ठीक माना जाता है, जबकि 51 से लेकर 100 तक एक्यूआई संतोषजनक, 101 से लेकर 200 तक एक्यूआई को मध्यम, 201 से लेकर 300 को खराब, 301 से लेकर 400 एक्यूआई स्तर को सेहत लिहाज से बेहद खराब और 401 से 500 तक एक्यूआई स्तर को सेहत के लिहाज से बेहद गंभीर माना जाता है।