केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से मांगे थे सुझाव
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अप्रैल में प्रदेश सरकार से राज्य के सीमांत गांवों में वाइब्रेंट प्रोग्राम का लाभ देने के संबंध में सुझाव मांगे थे। राज्य में 675 किमी चीन और नेपाल सीमा से सटे गांवों के संबंध में सरकार ने सुझाव भी दिए। सूत्रों के मुताबिक, सीमांत गांवों के लिए चल रही योजनाओं से इतर अन्य योजनाओं के माध्यम से सीमांत गांवों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी है।
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के सीमांत गांव माणा से केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम विधिवत शुरू कर सकते हैं। यह प्रोग्राम भारत चीन और नेपाल सीमा पर बसे गांवों को आबाद बनाए रखने और पलायन रोकने के लिए तैयार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री दीपावली के आसपास 21 अक्तूबर को उत्तराखंड आ सकते हैं। वह चीन सीमा से सटे देश के अंतिम गांव माणा भी जा सकते हैं। जहां एक जनसभा भी होने की चर्चा है।
बाबा केदार और बदरीनाथ में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री सीमांत गांव माणा स्थित आईटीबीपी के जवानों के बीच पहुंचेंगे, जहां वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की विधिवत शुरुआत भी कर सकते हैं। चमोली जिला प्रशासन पीएम के संभावित दौरे की तैयारी में जुट गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी पीएम का फाइनल कार्यक्रम नहीं आया है। चर्चा है कि प्रधानमंत्री पहले केदारनाथ जाएंगे जहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद बदरीनाथ धाम जाएंगे। वहां वह बदरीनाथ धाम की मास्टर प्लान योजना का भी निरीक्षण करेंगे।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम भारत की चीन और नेपाल सीमा पर सटे गांवों को सशक्त करने के लिए बनाई गई है। केंद्र सरकार ने बजट में इसका प्रावधान किया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऐसे सीमांत गांवों में सभी जरूरी अवस्थापना सुविधाएं जुटाना है। पानी, बिजली, सिंचाई, सड़क, स्वास्थ्य, संचार और अन्य बुनियादी सुविधाओं का ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाना है। गांवों में रोजगार और आजीविका के संसाधन उपलब्ध हों, इसके लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।