देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना के मामले तो कम हो गए हैं, लेकिन अब इस बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। राजधानी में इन दिनों मौसम में रोजाना उतार-चढ़ाव दिख रहा है। इससे अस्पतालों में वायरल आदि से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है।
दून मेडिकल कालेज अस्पताल, कोरोनेशन और गांधी शताब्दी समेत अन्य सरकारी अस्पतालों व तमाम निजी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। चिकित्सकों का कहना है कि फिलवक्त करीब 50 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं, जो मौसम के बदलते व्यवहार के कारण बीमार पड़ रहे हैं।
गांधी शताब्दी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार का कहना है कि मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण बुखार, खांसी-जुकाम, सिर दर्द, बदन दर्द आदि समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल में आने वाला हर दूसरा मरीज वायरल इंफेक्शन और कामन कोल्ड से पीड़ित है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वो बेमौसमी बीमारी के शिकार जल्द हो रहे हैं।
खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चारधाम अस्पताल के एमडी एवं वरिष्ठ फिजीशियन डा. केपी जोशी का कहना है कि अभी ओपीडी में आने वाले ज्यादातर मरीज बुखार के देखे जा रहे हैं। तापमान के इस उतार-चढ़ाव में अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
आमतौर पर बुखार से पीड़ित 70 प्रतिशत लोग चार से पांच दिन के अंदर ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर इन दिनों के अंदर बुखार कम न हो तो मरीज को जरूरी जांच व विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। मरीजों को बिना चिकित्सक की सलाह कोई दवा नहीं खानी चाहिए, क्योंकि इससे खतरा बढ़ जाता है।
खानपान का रखें ख्याल
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की डायटीशियन ऋचा कुकरेती डोबरियाल कहती हैं कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। साफ और उबला हुआ पानी ही पीएं। बासी खाना बिल्कुल न खाएं। गर्म भोजन करें। फ्रिज में रखा हुआ खाना भी निकालने के बाद सामान्य तापमान होने पर गर्म करके खाएं। पौष्टिक भोजन करें ताकि आपका इम्यून सिस्टम मजबूत रहे।