काशीपुर। यह महज इत्तेफाक ही था कि पति को खैरियत बताकर जिस वक्त शबाना ने वीडियो कॉल कट की, ठीक उसी वक्त हत्यारे ने उसकी जिंदगी की डोर काट दी। रईस को इस बात का बिल्कुल एहसास नहीं था कि आने वाले पल उसके लिए भारी गुजरेंगे। बेटी और बीबी की लाशें देखकर रईस फूट-फूट कर रोया जबकि बेटा शावेज सन्न रह गया। वे हत्यारे सलमान को फांसी पर लटके देखना चाहते हैं। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
बृहस्पतिवार को मोहल्ला अल्ली खां निवासी सलमान ने कार सीख कर लौट रही शीबा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। बाद में उसने शीबा की मां शबाना उर्फ ननिया को भी मार डाला। सूचना पर शीबा के पिता रईस सैफी और भाई शावेज देर रात करीब 11 बजे काशीपुर पहुंचे। मदरसे के अहाते में रखी लाशें देखकर रईस का सब्र जवाब दे गया। वे फूट-फूट कर रोए जबकि बेटा शावेज गुमसुम रहा। रात के दूसरे पहर करीब दो बजे दफीना हुआ।
रईस ने बताया कि भारतीय समय के मुताबिक उन्होंने सुबह करीब दस बजे बेटी शीबा को दुबई से कॉल लगाई लेकिन उसका फोन नहीं उठ पाया। इसके बाद उन्होंने अपनी बीबी शबाना से वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने बताया था कि किचन आदि का मोडिफिकेशन कराने के लिए रुपये भेज दिए हैं। नदीम को बुलाकर उसे रुपये दे देना और कल से काम शुरू करा देना।
बीबी ने बताया कि नदीम दस हजार रुपये ले गया है। वह सामान लाकर काम शुरू करेगा। दुबई में वह परेशान न हो इसलिए शबाना ने उन्हें सलमान की ओर से मिल रही धमकी के बारे में कुछ नहीं बताया। करीब आधे घंटे बाद उनके एक परिचित ने फोन कर उन्हें इस मनहूस खबर की जानकारी दी। कोतवाल मनोज रतूड़ी ने बताया कि साक्ष्य संकलन की कार्रवाई के बाद हत्यारोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। उसे हल्द्वानी जेल भेज दिया गया है।
शीबा और सलमान के बीच भले ही पुराना प्यार होने की बात कही जा रही हो लेकिन दोनों परिवारों के रहन-सहन के स्तर में जमीन आसमान का अंतर था। शीबा के परिवार वाले उसका रिश्ता किसी संपन्न परिवार में करना चाहते थे। ऐश की जिंदगी व्यतीत कर रही शीबा ऐसे घर में हरगिज नहीं जाना चाहती थी जहां चूल्हा-चौका करना पड़े। अल्ली खां निवासी रईस का परिवार यूं तो मध्यमवर्गीय है। बाप-बेटे दुबई में रहकर काम करते हैं। काशीपुर में रईस ने डेढ़ साल पहले एक मकान खरीदा था। यह मकान साढ़े नौ लाख रुपये में बैंक में बंधक है।
इसके अलावा पत्नी शबाना का तीन लाख रुपये का मुद्रा लोन है। 50-50 हजार रुपये के दो छोटे लोन भी हैं। शबाना के नाम से तीन माह पूर्व कार फाईनेंस कराई गई है जिसकी तीन ईएमआई चुकता हो चुकी हैं। इसके बावजूद इस परिवार का रहन-सहन और सामाजिक स्तर ठीकठाक है। शीबा का रिश्ता सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ हुआ था। गुड़गांव में नौकरी करने के दौरान उसके किसी अन्य युवती से प्रेम संबंध थे। इन दिनों वह श्रीनगर में तैनात है। उसकी गर्लफेंड ने शीबा को दोनों के फोटो भेजे थे जिस पर रिश्ता खत्म हो गया था।
इसके उल्ट सलमान का जर्जर मकान है। पिता मजदूरी करते हैं और भाई ई-रिक्शा चलाता है। दोनों परिवारों के स्टेटस में अंतर से उनके रिश्ते में अड़चन आ रही थी। बार-बार समझाने के बाद भी सलमान कुछ समझने को तैयार नहीं था। उसने छह माह पहले भी शीबा को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। छह अगस्त को भारत लौटने के बाद तो उसका व्यवहार बहुत आक्रामक हो चला था। शीबा ने अपने करीबियों से यह परेशानी साझा भी की थी लेकिन बात बढ़ती गई और आखिरकार उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
वारदात से पूर्व जब शीबा कार सीख रही थी तो उसके मोबाइल पर बार-बार सलमान की कॉल आ रही थी। इस दौरान दो बार उसके पिता ने भी शीबा के मोबाइल पर कॉल की लेकिन स्टेयरिंग पकड़े होने के कारण उसने न तो सलमान की कॉल अटेंड की और न ही अपने पिता की कॉल रिसीव की। वारदात के इरादे से अल्ली खां रोड पर घूम रहा सलमान बार-बार कॉल कर उसकी लोकेशन जानना चाहता था। उसे इस बात की जानकारी थी कि कार सीखने के बाद शीबा साढ़े दस बजे घर लौटेगी। इसी बीच वह उसका काम तमाम कर देगा।