
देहरादून। बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ऑडियो क्लिप के बाद न केवल राजनीतिक हलकों में घमासान मचा हुआ है, बल्कि जांच एजेंसियों की सक्रियता भी तेज हो गई है। इसी क्रम में बहादराबाद पुलिस ने पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर को नोटिस जारी कर शनिवार को थाने में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस द्वारा जारी नोटिस में वायरल ऑडियो से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया है। शुक्रवार देर शाम बहादराबाद थाने की पुलिस टीम नोटिस लेकर पूर्व विधायक के कड़च्छ स्थित आवास पर पहुंची, लेकिन उस समय वे घर पर मौजूद नहीं थे। इसके बाद पुलिस ने नियमानुसार नोटिस की कार्रवाई पूरी की।
गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से सहारनपुर निवासी अभिनेत्री उर्मिला सनावर द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई एक ऑडियो रिकॉर्डिंग ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उर्मिला सनावर स्वयं को पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी बताते हुए इस ऑडियो में अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े कथित वीवीआईपी नामों का उल्लेख कर रही हैं। इस ऑडियो के सामने आने के बाद भाजपा के भीतर भी असहजता का माहौल देखा जा रहा है।
वायरल ऑडियो में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम का नाम सामने आने से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक खलबली मच गई है। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी गंभीरता से नजर बनाए हुए है और स्थिति की रिपोर्ट तलब की गई है।
इस बीच, संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने तीन दिन पूर्व बहादराबाद थाने में पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि झूठे और आधारहीन आरोप लगाकर समाज और राजनीतिक व्यक्तियों को बदनाम किया जा रहा है। पुलिस ने इस तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
विवेचनाधिकारी एवं बहादराबाद थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा ने नोटिस जारी किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि यदि वायरल ऑडियो में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य हैं तो उन्हें पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है और मामले से जुड़े प्रत्येक तथ्य की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड पहले ही उत्तराखंड की राजनीति और प्रशासन के लिए एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। ऐसे में वायरल ऑडियो और उससे जुड़े नए आरोपों ने न केवल जांच प्रक्रिया को जटिल बना दिया है, बल्कि राज्य की सियासत में भी एक नया तनाव पैदा कर दिया है। आने वाले दिनों में पुलिस जांच और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं के आधार पर इस मामले में और अहम खुलासे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।




