
नैनीताल में आयोजित बहुप्रतीक्षित विंटर कार्निवाल की स्टार नाइट उस समय अव्यवस्था और हंगामे का केंद्र बन गई, जब मशहूर गायक परमिश वर्मा की प्रस्तुति के दौरान भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। मंगलवार की रात करीब 10 बजे जैसे ही परमिश वर्मा स्टेज पर प्रस्तुति दे रहे थे, तभी एक प्रशंसक फूल लेकर सेल्फी लेने के लिए मंच के पास पहुंच गया। यह दृश्य देखते ही अन्य दर्शकों में भी फोटो खिंचवाने की होड़ मच गई और देखते ही देखते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सैकड़ों युवा पहले वीआईपी बैरिकेडिंग और फिर वीवीआईपी बैरिकेडिंग को फांदते हुए स्टेज के बेहद करीब तक पहुंच गए। सुरक्षा घेरा टूटते ही पूरे पंडाल में अफरा-तफरी मच गई। भीड़ के दबाव और हंगामे को देखते हुए कार्यक्रम को तत्काल रोकना पड़ा, जिससे करीब 15 मिनट तक स्टार नाइट पूरी तरह ठप रही।
हंगामे की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वीवीआईपी एरिया में मौजूद कई अतिथि असहज होकर कार्यक्रम छोड़कर बाहर निकल गए। चारों ओर शोर, धक्का-मुक्की और अव्यवस्थित माहौल ने आयोजन की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी। काफी प्रयासों और स्वयं परमिश वर्मा के मंच से शांति बनाए रखने के आग्रह के बाद कहीं जाकर भीड़ कुछ शांत हुई।
इसके बाद स्टेज पर भारी पुलिस सुरक्षा के बीच परमिश वर्मा ने दोबारा अपनी प्रस्तुति शुरू की, लेकिन तब तक कार्यक्रम की रफ्तार और माहौल पूरी तरह बदल चुका था। इस दौरान कई युवक वीआईपी और वीवीआईपी अतिथियों के लिए लगाए गए सोफों और कुर्सियों के ऊपर चढ़कर नाचते नजर आए, जिससे फर्नीचर को भारी नुकसान पहुंचा।
आयोजन के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक कुर्सियां टूट गईं और कई सोफे फट गए। बुधवार को नुकसान की भरपाई और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का काम किया गया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब पंडाल खाली हुआ, तो अतिथियों के टेबल पर शराब की बोतलें भी पड़ी मिलीं, जिसने कार्यक्रम की मर्यादा और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई बहस छेड़ दी।
वीआईपी और वीवीआईपी दीर्घा में बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे, जिसको लेकर दिनभर चर्चा होती रही कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद बाहरी युवक इन विशेष क्षेत्रों तक कैसे पहुंच गए। स्थानीय लोगों और दर्शकों का कहना है कि इतने बड़े आयोजन में भीड़ नियंत्रण और प्रवेश व्यवस्था की बेहतर योजना होती, तो इस तरह की स्थिति से बचा जा सकता था।
विंटर कार्निवाल जैसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक आयोजन में हुई इस घटना ने प्रशासन और आयोजकों के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा, अनुशासन और व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि उत्सव का उद्देश्य अव्यवस्था की भेंट न चढ़े।




