
शिमला। वायुसेना में भर्ती का सपना दिखाकर युवाओं और उनके परिवारों से मोटी रकम ऐंठने वाला फर्जीवाड़ा आखिरकार स्टेट सीआईडी की पड़ताल में बेनकाब हो गया है। दो परिवारों के तीन युवाओं को पिछले दो वर्षों में साढ़े ग्यारह लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाकर न केवल झूठे आश्वासन दिए गए, बल्कि उन्हें फर्जी इंटरव्यू कॉल लेटर भी थमा दिए गए। परिजनों द्वारा प्रस्तुत किए गए ये कॉल लेटर अब जांच का अहम हिस्सा हैं।
सीआईडी की प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी युवाओं और उनके परिवारों से रकम लेने के बाद उन्हें दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय के बाहर तक ले गया। वहां उसने युवाओं को मुख्यालय के सामने पार्क में बैठाकर विभिन्न फॉर्म भरवाए और विश्वास दिलाया कि भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी। लेकिन मुख्यालय के भीतर प्रवेश की अनुमति न देना और बाहर ही कागजात भरवाना युवाओं को उस समय भी शक पैदा करने वाला संकेत था, जिसे बाद में पूरी तरह सत्यापन मिला।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी कई बार भर्ती की तिथियां बताकर फिर यह कहकर मुकर जाता था कि “भर्ती रद्द हो गई है”। महीनों तक चलने वाली इस टालमटोल और बहानों की श्रृंखला. के बाद जब युवाओं और उनके परिवारों को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने आरोपी से पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए। प्रारंभिक दबाव में आरोपी पंकज ने लगभग 80,000 रुपये वापस कर दिए, लेकिन शेष रकम लौटाने में लगातार आनाकानी करता रहा।
वर्ष 2022 से 2024 के बीच दो वर्षों में दो परिवारों से तीन युवकों की भर्ती कराने के नाम पर कुल साढ़े ग्यारह लाख रुपये लिए गए। लेकिन न नौकरी मिली और न रकम वापस की गई। फर्जी कॉल लेटर और बैंक लेनदेन के साक्ष्य अब सीआईडी के पास हैं, और जांच अधिकारी मान रहे हैं कि आगे की जांच में और भी परतें खुल सकती हैं।
सीआईडी अधिकारियों का कहना है कि भर्ती से जुड़े ऐसे संगठित रैकेट युवाओं की बेरोजगारी और उनकी आकांक्षाओं का फायदा उठाते हैं। मामले में संबंधित धाराओं के तहत आगे कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। परिवारों ने उम्मीद जताई है कि न केवल उन्हें न्याय मिलेगा, बल्कि आरोपी के नेटवर्क का भी पर्दाफाश होगा, ताकि भविष्य में किसी अन्य युवा को ऐसी ठगी का शिकार न होना पड़े।







