
देहरादून | दीपावली 2025 ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा फूँक दी है। आपदाओं और आर्थिक मंदी के असर से जूझ रहे राज्य ने इस बार त्योहारी सीजन में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काशीपुर जैसे प्रमुख शहरों में बाजारों में अभूतपूर्व रौनक देखने को मिली। ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, इलेक्ट्रॉनिक्स, सराफा और रिटेल सेक्टर — सभी में बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को “दीवाली बूस्टर” मिला है।
त्योहारी सीजन ने बाजार को दी नई जान
पिछले महीने के दौरान प्रदेश भर में लगभग सभी व्यापारिक संगठनों ने बिक्री में 25 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की है। आपदा के बाद आर्थिक ठहराव से गुजर रहे व्यापारियों के लिए यह राहत भरा समय रहा। देहरादून और हल्द्वानी के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। दीपावली, धनतेरस और गोवर्धन पूजा से पहले ही दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ों, गहनों और वाहनों की खरीददारी चरम पर रही। राजधानी के पथरी बाजार के व्यापारी नवीन जैन कहते हैं — “लोगों ने इस बार खरीदी को केवल परंपरा नहीं, बल्कि उत्सव का प्रतीक माना। दो साल बाद ऐसा मौका आया जब लोगों ने बिना झिझक खर्च किया।”
ऑटोमोबाइल सेक्टर में रफ्तार का इजाफा
त्योहारी सीजन में सबसे उल्लेखनीय वृद्धि ऑटोमोबाइल सेक्टर में दर्ज की गई।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के उत्तराखंड चैप्टर अध्यक्ष हरीश सुरी ने बताया कि इस बार का सीजन पिछले वर्ष की तुलना में बेहद उत्साहजनक रहा।
- टू-व्हीलर सेगमेंट में बिक्री में 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- चार पहिया वाहनों की मांग में 20 प्रतिशत तक का उछाल देखा गया।
- इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बिक्री में भी दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि CNG वाहनों की मांग में भी खासा इजाफा हुआ।
देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर में नए शोरूमों की बिक्री ने यह संकेत दिया है कि राज्य में मध्यवर्गीय क्रय शक्ति मजबूत हो रही है। जीएसटी में संशोधन और टैक्स दरों में राहत ने भी इस वृद्धि में भूमिका निभाई।
सराफा बाजार में चमकी रौनक, निवेशक बने खरीदार
सोना-चांदी के दामों में लगातार वृद्धि के बावजूद इस बार सराफा कारोबार ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। उत्तराखंड सराफा मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन के अनुसार, “शुरुआत में यह आशंका थी कि सोने-चांदी के दामों में उछाल से ग्राहकों की खरीद क्षमता घटेगी, मगर हुआ इसका उल्टा। इस बार लोगों ने सोने-चांदी को केवल परंपरा नहीं, बल्कि निवेश का साधन मानकर खरीदा।” चांदी की मांग विशेष रूप से बढ़ी क्योंकि छोटे निवेशक और ग्रामीण उपभोक्ताओं ने इसे सुरक्षित निवेश के रूप में देखा। धनतेरस के दिन देहरादून, हरिद्वार और रुड़की के सराफा बाजारों में दुकानों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल बाजार में आई बहार
त्योहारी छूट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से प्रतिस्पर्धा के बावजूद इस बार स्थानीय दुकानों की बिक्री में 25 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, मोबाइल फोन और एलईडी लाइटिंग की मांग में तेज उछाल देखा गया। रिटेल चेन संचालक मनीष अग्रवाल के अनुसार, “ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की जगह इस बार लोगों ने लोकल बाजारों को प्राथमिकता दी है। इससे देसी कारोबारियों का मनोबल बढ़ा है।”
जीएसटी सुधारों से कारोबार में मिली रफ्तार
वित्तीय वर्ष 2025–26 के आँकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड को एसजीएसटी (State GST) से अगस्त तक 4145 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। 2024–25 में यह आँकड़ा 3779 करोड़ रुपये था। जीएसटी दरों में संशोधन, ऑटो सेक्टर में टैक्स राहत, और व्यवसाय पंजीकरण प्रक्रिया के सरलीकरण से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आई है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि अक्तूबर और नवंबर के आंकड़े और बेहतर होंगे, जिससे कुल राजस्व संग्रह में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है।
आपदा के बाद राहत का आर्थिक संकेत
उत्तराखंड ने इस साल मानसून सीजन में गंभीर आपदाओं का सामना किया — विशेष रूप से धराली, थराली और देहरादून क्षेत्रों में भारी तबाही हुई थी। इन परिस्थितियों के बावजूद बाजारों का दोबारा सक्रिय होना इस बात का संकेत है कि राज्य की अर्थव्यवस्था तेज़ी से पुनर्जीवित हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यटन, सेवा क्षेत्र और स्थानीय उत्पादन को मिलाकर आने वाले महीनों में यह वृद्धि और स्थायी रूप ले सकती है।
अर्थशास्त्रियों का नजरिया
देहरादून स्थित अर्थशास्त्री डॉ. सुशील बहुगुणा का कहना है — “उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में त्योहारी सीजन एक मिनी-बूस्टर की तरह काम करता है। इस बार बाजार का रुझान बताता है कि उपभोक्ता विश्वास लौट रहा है। अगर सरकार छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को स्थायी प्रोत्साहन दे, तो यह उत्साह सालभर बना रह सकता है।”
निष्कर्ष: आत्मविश्वास लौटाती अर्थव्यवस्था
दीपावली 2025 ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में उम्मीद की नई किरण जगाई है। आपदाओं और आर्थिक मंदी के बीच भी राज्य का कारोबार न केवल संभला, बल्कि आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा।
ऑटोमोबाइल, सराफा, इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल सेक्टरों में बढ़ती बिक्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उपभोक्ताओं का रुझान सकारात्मक है और आने वाले महीनों में राज्य के राजस्व तथा विकास दर दोनों में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।




