
देहरादून | गुरु नानक कॉलेज ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेज़, देहरादून के ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2025 को भव्य और अकादमिक दृष्टिकोण से समृद्ध कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की अनिवार्य भूमिका को उजागर करना और छात्रों को जीवनरक्षक कौशल से लैस करना था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. गिरीश गुप्ता, NM, VSM (सेवानिवृत्त), MBBS, DCH, DNB, DM, FNNF, प्रोफेसर एमेरिटस और वरिष्ठ सलाहकार (नीओनेटोलॉजी), GEIMS, देहरादून उपस्थित रहे। वहीं विशेष अतिथि के रूप में डॉ. रीना, विभागाध्यक्ष – एनेस्थीसिया, सुभारती अस्पताल, देहरादून ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण के साथ हुई। डॉ. रीना ने विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2025 की आधिकारिक थीम पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने रोगी सुरक्षा, पेरीऑपरेटिव केयर और क्रिटिकल केयर मेडिसिन में एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की बदलती भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व डॉ. गिरीश गुप्ता और उनकी टीम ने किया। इस वर्कशॉप में छात्रों को CPR, एयरवे मैनेजमेंट और आपातकालीन स्थिति में समन्वित प्रतिक्रिया जैसी जीवनरक्षक तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। 200 से अधिक छात्रों ने इसमें सक्रिय भागीदारी दिखाई।
सत्रों के दौरान टीम समन्वय, त्वरित निर्णय क्षमता और पेशेवर तत्परता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी प्रतिभागियों को BLS कार्ड और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान गुरु नानक कॉलेज के सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने कहा, “हम अपने छात्रों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक दक्षता और नैतिक मूल्यों से भी संपन्न बना रहे हैं। BLS जैसे कौशल भविष्य के हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए अनिवार्य हैं।” कॉलेज की सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने कहा कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों के आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को मजबूत बनाते हैं। सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने अनुभव आधारित शिक्षा की अहमियत बताते हुए कहा कि इससे छात्रों में त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित होती है।
कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ. ललित कुमार ने कहा कि विश्व एनेस्थीसिया दिवस छात्रों में जागरूकता और सम्मान पैदा करने का अवसर है। वहीं निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने कहा कि उनका उद्देश्य हर छात्र को व्यावहारिक और नैतिक रूप से सक्षम बनाना है ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में वह सही निर्णय ले सके। कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्री सय्यद इमरान और सुश्री सबा गुल, फैकल्टी कोऑर्डिनेटर्स, का विशेष योगदान रहा। इस आयोजन ने छात्रों को एनेस्थीसिया क्षेत्र की जीवनरक्षक भूमिका से परिचित कराने के साथ-साथ उनके कौशल और आत्मविश्वास को भी मजबूत किया।
विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2025 का यह आयोजन छात्रों के लिए शैक्षणिक, व्यावहारिक और प्रेरणादायक साबित हुआ।




