
अमृतसर/अबोहर। पंजाब के अबोहर में मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार तीन स्कूली छात्रों को टक्कर मार दी। इस हादसे में दो छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल हुआ। घटना अबोहर-मलोट नेशनल हाईवे पर गांव बल्लुआना में हुई। जानकारी के अनुसार, मृतक छात्रों में रामगढ़ गांव के कर्ण और राकेश शामिल हैं। घायल छात्र प्रेम को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति देखते हुए फरीदकोट रेफर कर दिया गया है।
हादसे का पूरा विवरण
प्रेम, कर्ण और राकेश रामगढ़ के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्र थे। मंगलवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद तीनों बाइक पर सवार होकर घर लौट रहे थे। जैसे ही वे बल्लुआना गांव की मुख्य सड़क पर पहुँचे, तभी एक तेज रफ्तार कार चालक ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि कर्ण और राकेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि प्रेम गंभीर रूप से घायल हुआ।
स्थानीय लोगों और राहगीरों के अनुसार, कार चालक हादसे के बाद वाहन छोड़कर फरार हो गया। राहगीरों ने घायल छात्र को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने कर्ण और राकेश को मृत घोषित कर दिया। प्रेम की गंभीर हालत को देखते हुए उसे फरीदकोट रेफर किया गया।
हादसे के बाद माहौल
घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजन रो-रोकर बेहाल थे। आसपास के लोग और ग्रामीण भी हादसे के दृश्य से स्तब्ध रह गए। बताया गया कि सभी छात्र लगभग 17 से 18 साल के थे और उनका स्कूल से घर लौटना सामान्य दिनचर्या का हिस्सा था।
ग्रामीणों का कहना है कि अबोहर-मलोट नेशनल हाईवे पर अक्सर तेज रफ्तार वाहनों की वजह से हादसे होते रहते हैं। सुरक्षा इंतजामों की कमी और सड़क पर स्पीड लिमिट का पालन न होने के कारण युवा और आम लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों की हालत का जायजा लिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फरार कार चालक की तलाश की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सड़क पर सावधानी बरतें और ट्रिपलिंग जैसी जोखिमपूर्ण ड्राइविंग से बचें।
सड़क सुरक्षा और भविष्य के खतरे
विशेषज्ञों का कहना है कि तेज रफ्तार और लापरवाही भारतीय सड़कों पर प्रमुख कारण हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां मार्ग संकरे और दुर्घटना-prone हैं। स्कूल से लौटते युवा अक्सर सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं, और यह हादसा उसी खामी का जीवंत उदाहरण है।
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या ग्रामीण सड़कों पर पर्याप्त यातायात नियंत्रण और सड़क सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को तेज रफ्तार वाहनों और ट्रिपलिंग जैसी खतरनाक ड्राइविंग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।