
देहरादून | बदलते मौसम के साथ ही लोगों की सेहत पर असर दिखने लगा है। देहरादून में हाल के दिनों में अस्पतालों में वायरल संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। डॉक्टर और डायटीशियन अब आम जनता को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने और जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दे रहे हैं। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को इस समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। इस मौसम में तापमान की अनियमितता – सुबह और शाम की ठंड के साथ दिन में अचानक बढ़ती धूप और अचानक वर्षा – शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर रही है। इसका असर सीधे तौर पर पाचन तंत्र, त्वचा और श्वसन तंत्र पर पड़ रहा है। जिले के चिकित्सालयों में गला दर्द, छींक, नाक बहना और बंद होना जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
वायरल संक्रमण और मौसम का संबंध
जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार, अस्पताल में इन दिनों वायरल संक्रमण के मामलों में लगभग 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि तापमान में लगातार बदलाव वायरस के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है, जिससे संक्रामक रोग तेजी से फैलते हैं। इसी के साथ कुछ ऐसे तत्व भी उत्पन्न होते हैं जो एलर्जी का कारण बनते हैं। “तापमान में गिरावट और बढ़ोतरी बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। इससे पाचन, त्वचा और श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गला दर्द, लगातार छींक आना, नाक बहना और त्वचा पर खुजली जैसी समस्याएं आम हो रही हैं, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो रही है। इस समय विशेष सावधानी की जरूरत है,” डॉ. पंवार ने बताया।
खानपान और जीवनशैली में बदलाव जरूरी
डायटीशियन दीपशिखा गर्ग का कहना है कि खान-पान में सावधानी बरतने से ही इस मौसम में स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सुपाच्य भोजन न करने से कई तरह की शिकायतें बढ़ जाती हैं। “खुले स्थानों पर या कहीं भी कभी भी कुछ भी खाने से बचें। बाहर के खाने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही तला-भुना और फैटी खाना स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है,” उन्होंने कहा।
डायटीशियन के अनुसार, इस मौसम में आसानी से पचने वाला ताजा और गर्म भोजन लिया जा सकता है। आहार में तरल पदार्थों की मात्रा अधिक होनी चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी, आंवला और संतरे का सेवन लाभकारी है। वहीं शीतल पेय और दही की अधिक मात्रा खांसी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकती है। बासी भोजन और कटे हुए फलों को लंबे समय तक रखने से भी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है।
डॉक्टरों की विशेष सलाह
डॉ. पंवार का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को ठंडे पानी से न नहलाएं और खुले स्थान पर सोने से बचाएं। वायरल संक्रमण की स्थिति में केवल चिकित्सक की सलाह से दवा लें। AC में बैठे होने के बाद बाहर अचानक निकलने से बचें। गंदगी वाले रास्तों से गुजरने से परहेज करें और बाहर खाने से बचें। इस मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन गया है। खान-पान और जीवनशैली में थोड़े बदलाव करके लोग अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।