
मेरठ | एसटीएफ आगरा की टीम ने इंचौली क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए मोबाइल टावरों से बैटरी और डीजल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी संख्या में बैटरियां बरामद की हैं। वहीं, छह आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है और फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।
कैसे हुआ खुलासा
टीम प्रभारी यतींद्र शर्मा ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार मोबाइल टावरों से बैटरी और डीजल चोरी की घटनाओं की सूचनाएं मिल रही थीं। बृहस्पतिवार सुबह इंडस टावर लिमिटेड कंपनी के एरिया मैनेजर मनोज कुमार सिंह और पूर्व कर्मचारी हर्ष ने जानकारी दी कि चोरी की बैटरी सप्लाई करने के लिए टेक्निकल मैनेजर अंकेश कौशिक ने अपने टेक्नीशियन गौरव को भेजा है। सूचना पर मसूरी फ्लाईओवर पर दबिश दी गई तो गौरव मौके से भाग निकला।
इसके बाद टीम ने एक टेंपो को रोका। उसमें सवार युवकों ने अपना नाम ओमपाल (गांव बिराल, मुजफ्फरनगर) और विवेक पंवार (मौजिजाबाद नागल, बागपत) बताया। उन्होंने खुलासा किया कि वे ‘बेस्ट फॉर सोल्यूशन कंपनी’ के लिए काम करते हैं और चोरी के काम में उनके साथ टेक्नीशियन सुशील भड़ाना भी शामिल रहता है।
गिरोह का काम करने का तरीका
- यह गिरोह हर टावर से 5-6 हजार रुपये का डीजल चोरी कर बेचता था।
- चोरी से मिले रुपये टेक्निकल मैनेजर अंकेश के साथ बांटते थे।
- एवज में अंकेश उन्हें साइटों पर काम दिलाता था।
- आईएमई कंपनी के मैनेजर लोकेश तोमर उन्हें चोरी की बैटरी उपलब्ध कराता था।
- बैटरी का इस्तेमाल टावरों में कर वे डीजल चोरी करते और प्रत्येक सुपरवाइजर को 4-5 हजार रुपये देते थे।
टावरों का बंटवारा
जांच टीम के अनुसार—
- ओमपाल सिंह को 28 टावर आवंटित थे।
- विवेक पंवार को 22 टावर मिले थे।
- गौरव के पास 32 टावर थे।
- अंकेश के अधीन कुल 35 टेक्नीशियन काम करते थे।
अंकेश ने पूछताछ में बताया कि वह आठ साल से कंपनी में टेक्निकल मैनेजर है और उसके अधीन 980 टावर हैं। वह प्रत्येक टेक्नीशियन से 4-5 हजार रुपये वसूलता है। जो विरोध करता है, उसे डीजल न देकर या अन्य बहानों से हटा देता है।
गिरफ्तार और रिपोर्ट
एसटीएफ ने कार्रवाई के बाद तीन आरोपियों—
- अंकेश कौशिक (टेक्निकल मैनेजर)
- ओमपाल सिंह
- विवेक पंवार
को इंचौली पुलिस के हवाले कर दिया। इनके साथ ही गौरव पंवार, सुशील भड़ाना और लोकेश तोमर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। गिरफ्तार तीनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। फरार आरोपियों की तलाश जारी है।