
वाराणसी | विदेशों में नौकरी का सपना दिखाकर ठगने वाले गिरोह ने वाराणसी के प्रियतोष तिवारी से 22 लाख रुपये की ठगी कर डाली। इस संबंध में पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने सात नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों ने पीड़ित को यूएई और कतर में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया था और इसी बहाने उससे मोटी रकम वसूल ली।
इस तरह हुई ठगी
गाजीपुर के जमानिया थाना क्षेत्र के ताजपुर निवासी प्रियतोष तिवारी वर्तमान में पांडेयपुर के बेलवा बाबा सोयेपुर वाराणसी में रहते हैं। वर्ष 2022 में उनकी मुलाकात अमेठी निवासी मुंशीर अहमद और महाराष्ट्र निवासी मतीन रज्जाक से हुई। दोनों ने उन्हें खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने का प्रस्ताव दिया। नौकरी का झांसा इतना लुभावना था कि प्रियतोष तिवारी ने इन लोगों की बातों पर भरोसा कर लिया। धीरे-धीरे किस्तों में प्रियतोष तिवारी ने 15 लाख रुपये ऑनलाइन और 7 लाख रुपये नकद दिए। बदले में आरोपियों ने उन्हें वीजा और अन्य दस्तावेज सौंपे, लेकिन जब जांच कराई गई तो सारे कागजात फर्जी निकले।
रुपये वापस मांगने पर धमकी
जब पीड़ित ने आरोपियों से अपने रुपये वापस मांगे तो आरोपी मुंशीर अहमद, देव कपूर, पंकज कपूर और अन्य लोगों ने उसे लखनऊ बुलाया। वहां गाली-गलौज की गई और जान से मारने की धमकी तक दी गई। इस दौरान आरोपियों ने पीड़ित पर दबाव बनाने की भी कोशिश की।
सात लोग नामजद
पीड़ित ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में सात लोगों को नामजद करते हुए तहरीर दी। इनमें अमेठी के जामो रोड जगदीशपुर निवासी मुंशीर अहमद, सीतापुर के लहरपुर बेहटी निवासी पंकज कपूर और देव कपूर, महाराष्ट्र के चिकनपाडा मेल रोड निवासी मतीन रज्जाक, इकरामुद्दीन, निजामुद्दीन और प्रयागराज के लाल गोपाल गंज निवासी मनोज केसरवानी शामिल हैं।
पुलिस की कार्रवाई
लालपुर-पांडेयपुर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सभी आरोपी पुराने ठग हैं और इनके खिलाफ विभिन्न जिलों में पहले से भी मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि इनकी गिरफ्तारी जल्द ही की जाएगी।
व्यापक ठगी गिरोह का पर्दाफाश
पुलिस को शक है कि यह गिरोह लंबे समय से खाड़ी देशों में नौकरी का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये वसूलता रहा है। अब तक कई राज्यों में इन पर मामले दर्ज हो चुके हैं। फिलहाल पुलिस इस पूरे नेटवर्क की छानबीन कर रही है ताकि अन्य पीड़ितों तक भी पहुंचा जा सके।